डाक्टर का वर्षों का वेतन व भत्ते न देने पर बिक सकता है सिविल सर्जन कार्यालय

जालन्धर, 1 अप्रैल (चन्दीप भल्ला): माननीय जालन्धर की एक अदालत ने एग्जीक्यूशन केस में सरकारी डाक्टर कंवलजीत सिंह की वर्षों की नौकरी का वेतन और अन्य भत्ते सरकार द्वारा न दिए जाने पर 5 अप्रैल को इस केस में अटैच की गई प्रापर्टी सिविल सर्जन, जालन्धर का कार्यालय बेचकर डाक्टर को बनता वेतन व भत्ते की राशि दिये जाने का आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार यह राशि लगभग 60 से 70 लाख रुपए बनती है। इस संबंधी जानकारी देते हुए डाक्टर कंवलजीत सिंह के वकील संजीव बांसल ने बताया कि डाक्टर कंवलजीत सिंह जोकि मैडीकल अधिकारी इंचार्ज, प्राइमरी हैल्थ सैंटर मैहतपुर, नकोदर में तैनात थे। डाक्टर कंवलजीत सिंह की पोस्टिंग 1982 में हुई थी और कुछ कारणवश उन्हें कुछ वर्षों बाद लम्बी छुट्टी पर जाना पड़ा परंतु 18 अप्रैल, 1993 को सरकार के आदेशों के बाद 1 जून, 1993 को उन्हें इस छुट्टी के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने अपने वकील संजीव बांसल के ज़रिये अदालत में इस संबंधी केस कर दिया है और डाक्टर कंवलजीत बनाम सरकार यह केस अदालत में चल रह है। इस संबंधी और जानकारी देते हुए वकील संजीव बांसल ने बताया कि 9 अप्रैल 1994 को माननीय न्यायाधीश आर.के. गुप्ता ने यह आदेश जारी करते हुए डा. कंवलजीत सिंह को बहाल किए जाने और सारा वेतन व भत्ते दिए जाने का आदेश दिया, जिसके बाद सरकार ने इस संबंधी याचिका दायर कर दी और इस याचिका को जालन्धर के ही अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सी.डी. गुप्ता ने 2 अप्रैल, 1997 को रद्द कर दिया और फैसला फिर डाक्टर कंवलजीत सिंह के पक्ष में गया, परंतु इसके बाद भी डाक्टर कंवलजीत सिंह की परेशानी का हल नहीं हुआ।  वकील संजीव बांसल ने बताया कि इसके बाद स्टेट ने हाईकोर्ट में अपील कर दी जोकि हाईकोर्ट ने 10 दिसम्बर, 2009 को रद्द किए जाने का आदेश दिया और साथ ही इन अपीलों में राशि देने में देरी करके एक लाख रुपए जुर्माना भी सरकार को डाला गया और कहा कि डाक्टर कंवलजीत सिंह को सारा वेतन व भत्ते दिए जाएं, परंतु इसके बाद भी डाक्टर कंवलजीत सिंह को कुछ हासिल नहीं हुआ और डाक्टर को पुन: नौकरी पर रखने के बाद फिरोज़पुर भेज दिया गया जिसके बाद डाक्टर कंवलजीत सिंह ने स्वयं ही नौकरी छोड़ दी परंतु इसके बाद भी उन्हें कोई वेतन व भत्ते नहीं मिले जिसके बाद केस हाईकोर्ट द्वारा निचली अदालत में भेज दिया कि डाक्टर कंवलजीत सिंह को उनका बनता वेतन व भत्ते दिलाए जाएं, जिसके बाद अदालत ने इस संबंधी आदेश भी जारी किया परंतु इसके बाद भी कभी फंड न होने व कभी किसी कारणवश डाक्टर कंवलजीत सिंह को राशि नहीं मिली जिसके बाद अदालत ने नया आदेश जारी करते हुए 20 मार्च 2019 को ही सिविल सर्जन जालन्धर के कार्यालय को कुर्क कर यह राशि देने को कहा, परंतु फिर भी कुछ न होने पर अदालत ने 5 अप्रैल को सिविल सर्जन जालन्धर के कार्यालय बेचकर डाक्टर कंवलजीत सिंह की मेहनत की कमाई देने का आदेश दिया है। इसके बाद केस की सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।