सरकार की बेरूखी के चलते दिन-प्रतिदिन मिट्टी होती जा रही करोड़ों खर्च कर तैयार की गई कंडी नहर

गढ़शंकर, 7 अप्रैल (धालीवाल) : वर्ष 1978 में उस समय के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा शिलान्यास रखने के पश्चात नहर का करीब 60 किलोमीटर लम्बाई वाला तलवाड़ा से होशियारपुर तक का पहला भाग वर्ष 1998 में जाकर पूर्ण हुआ था और अब इस नहर का होशियारपुर से थोपीया (बलाचौर) तक का दूसरा भाग करीब दो दशकों बाद करोड़ों रुपए खर्च करके लगभग अढ़ाई वर्ष पहले पूर्ण तो कर लिया गया था परन्तु विभाग के तय लक्ष्य केवल फाइलों का ही शृंगार होकर रह गए हैं। नहर के दूसरे भाग को पूर्ण किए जाने के पश्चात दो अढ़ाई वर्षों का समय व्यतीत होने के पश्चात भी आज गढ़शंकर क्षेत्र तक इस नहर के पानी की बूंद भी नहीं पहुंची। विभाग द्वारा लम्बी मेहनत मशक्कत एवं समस्याओं में से गुजरने के पश्चात तैयार की कंडी नहर के दूसरे भाग के साथ लगती जमीनों के मालिक हज़ारों किसान नहर के पानी को विगत कई वर्षों से आशा लगाए बैठे हैं परन्तु मौजूदा सरकार द्वारा किसानों के लिए वरदान होकर निपटने वाली नहर की ओर ध्यान न दिए जाने के कारण करोड़ों रुपए खर्च करके बनाई कंडी नहर अब मिट्टी होती जा रही है। ज़िला होशियारपुर के तलवाड़ा पौंग डैम से निकलते मुकेरियां हाईडल चैनल से निकलने वाली 500 क्यूसिक वाली 129 किलोमीटर कंडी कैनाल नहर दसूहा, हरियाना, होशियारपुर, चब्बेवाल, माहिलपुर, गढ़शंकर से बलाचौर के गांव थोपीया तक बनाने का लक्ष्य विभाग द्वारा लगभग पूरा तो कर लिया था परन्तु अब तक नहर को चालू न करना बड़ी आशंका पैदा करता है। मिट्टी होते जा रहे हैं नहर पर खर्चे 600 करोड़ : कंडी नहर का लगभग 70 किलो मीटर लम्बाई वाले दूसरे भाग के हिस्से पर करीब 600 करोड़ की लागत आई बताई जाती है जो अब किसानों को पानी की सुविधा से मिलने के कारण मिट्टी होती प्रतीत दिखाई देती है। नहर के दूसरे भाग को चैक करने के लिए करीब दो वर्ष पहले एक बार पानी छोड़कर चालू कर दिया गया था परन्तु बाद में एक दो बार नहर में छोड़ा पानी केवल खानापूर्ति तक सीमित रहा।