पानी के सैम्पल फेल होने पर निगमों, कौंसिलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

जालन्धर, 7 अप्रैल (शिव शर्मा) : प्रदेश में दरियाओं को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बनाए गए नए डायरैक्टोरेट के गठन के बाद पानी में गंदगी फेंक रहीं निगमों, नगर कौंसिलों, कमेटियों या फिर फैक्टरी वालों पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कई निगमों व कमेटियों द्वारा अपने ट्रीटमैंट प्लांट या फिर सीवरेज में छोड़े जाते पानी के जो पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सैम्पल भरे थे, उनमें सभी सैम्पल फेल पाए गए हैं जिनसे बोर्ड ने इसलिए मामलों को गम्भीरता से लिया है कि इन कमेटियों, निगमों के ट्रीटमैंट प्लांट नहीं चल रहे हैं और यदि चल रहे हैं तो वह सीधा काफी पानी बिना साफ किए ही दरियाओं में फेंक रहे हैं। बोर्ड की टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर नगर कौंसिलों, निगम द्वारा निकासी के लिए पानी छोड़ा जाता था, उनके सैम्पल भरे थे। इनमें से भुलत्थ, दसूहा, कपूरथला, शाम चौरासी, श्री हरगोबिंदपुर, सुलतानपुर लोधी, जालन्धर के फोलड़ीवाल, पीरदाद का ट्रीटमैंट प्लांट, फगवाड़ा, फिल्लौर से जो पानी ट्रीटमैंट प्लांट में फेंका जाता है, उस पानी के सैम्पल लिए गए थे। इनमें से कई नगर कौंसिलों का पानी ब्यास दरिया में जाता है। साहनेवाल, मोगा, लुधियाना, जालन्धर, फगवाड़ा, फिल्लौर का पानी भी सतलुज दरिया में जाता है। इन नगर कौंसिलों या फिर निगमों द्वारा ट्रीटमैंट प्लांट लगाए गए थे, वहां से निकलते पानी के सैम्पल भरे गए थे, जोकि सभी फेल पाए गए हैं। बोर्ड सूत्रों का कहना है कि इस बारे रिपोर्टें आना काफी गम्भीर मामला है कि ट्रीटमैंट लगे होने के बावजूद दरियाओं में प्रदूषित पानी फेंका जा रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य सरकारों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पहले ही ठोस योजना पर काम करने की हिदायत दी गई है और अब केन्द्रीय मंत्रालय खुद इस प्रकार के मामलों की निगरानी कर रहा है। बताया जाता है कि जिन नगर कौंसिलों व नगर निगमों द्वारा छोड़े जाते पानी के सैम्पल फेल होने की रिपोर्टें आई हैं, उनके मामलों में अब नगर कौंसिलों, निगमों के खिलाफ अगली कार्रवाई की जा रही है। ट्रीटमैंट प्लाट के सही काम न करने व गंदा पानी दरियाओं में छोड़ने के कारण नगर कौंसिल, निगमों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आरम्भ की जा रही है।