पंजाब भाषायी अधिकार आयोग द्वारा घोषणा-पत्र जारी

जालन्धर, 10 अप्रैल (जसपाल सिंह) : पंजाब भाषायी अधिकार कमिशन द्वारा लोगों को उनके भाषायी अधिकारों प्रति जागरूक करने व 17वीं लोकसभा चुनाव के लिए चल रहे चुनाव अमल के दौरान राजनीतिक पार्टियों पर इस संबंधी दबाव बनाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए आज यहां भाषायी अधिकार घोषणा पत्र जारी किया गया। यह घोषणा पत्र पंजाब भाषायी अधिकार कमिशन के चेयरमैन व प्रसिद्ध पत्रकार सतनाम सिंह माणक, कोआर्डीनेटर डा. लखविंदर सिंह जौहल प्रधान पंजाब प्रैस क्लब, महासचिव दीपक बाली व अन्य प्रमुख शख्सियतों द्वारा साझा तौर पर जारी किया गया। इस अवसर पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कमिशन के नेताओं ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि आज़ादी के 70 वर्ष बाद भी विलक्ष्णता भरपूर विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले देश के लोगों को उनके भाषायी अधिकार उपलब्ध नहीं करवाए गए व आज भी लोगों को शिक्षा, प्रशासन व न्याय उनकी ज़ुबान को नहीं मिल सका है। उन्होंने मांग की कि लोकसभा चुनावों के बाद संसद में ‘लोगों के भाषायी अधिकार’ बारे बिल पेश करके लोगों को उनके भाषायी अधिकार दिए जाने चाहिए व लोगों को इनके प्रति सुचेत होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने हर राज्य में सरकारी तौर पर एक ऐसे शक्तिशाली भाषायी अधिकार कमिशन की स्थापना करने की मांग भी की, जो संबंधित राज्य की सरकारी भाषा को शिक्षा, प्रशासन, न्याय व अन्य क्षेत्रों में लागू करवा सके व इस संबंधी लोगों द्वारा आने वाली शिकायतों का निपटारा करवा सके। इस अवसर पर श्रीमती प्रवीन अबरोल, हरपाल सिंह चड्ढा, तेजिंदर सिंह प्रदेसी व परमिंदर सिंह दशमेश नगर आदि शख्सीयतें भी मौजूद थीं। वर्णनीय है कि कमिशन के अन्य सदस्यों में मित्र सैन मीत, दीपक शर्मा, त्रिलोचन सिंह चंडीगढ़, हरमीत कौर बराड़ व गुरप्रीत सिंह चंदबाजा हैं।