सरकार ने अमृतसर में पुन: दोहराया अंग्रेज़ों का इतिहास

अमृतसर, 11 अप्रैल (रेशम सिंह): 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग कत्लेआम के खूनी कांड की शताब्दी मना रही सरकार द्वारा शहर में धारा 144 लगाकर 100 वर्ष पश्चात इतिहास को पुन: दोहराया जा रहा है। प्रशासन द्वारा जलियांवाला बाग में हो रही वी.वी.आई.पी. शख्सियतों की आमद पर जहां शहीदी बाग सहित शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बल तैनात कर दिए हैं, वहीं उक्त धारा लगाकर चार व्यक्तियों के इकट्ठे होने पर पाबंदी लगा दी है। घटित कांड के अवसर भी अंग्रेज़ सरकार ने इसी तरह नादरशाही फरमान देकर लोगों के इकट्ठे होने पर पाबंदी लगाई थी और पाबंदी का उल्लंघन करने पर ही जनरल डायर द्वारा बेकसूर लोगों को गोलियों से भून दिया गया था।जलियांवाला बाग में शहीदी समारोहों के 100 वर्षीय समारोह में जहां देश-विदेशों से लोग आजादी के स्वतन्त्रता संग्रामियों को अपनी श्रद्धा के पुष्प भेंट करने के लिए आ रहे हैं वहीं भारत के उपराष्ट्रपति श्री वैंकेयनायडू, राज्यपाल श्री वी.पी. सिंह बदनौर, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान श्री राहुल गांधी, मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह आदि शख्सियतें भी पहुंच रही हैं। इन वी.वी.आई.पी. लोगों की सुरक्षा को मुख्य रखते पुलिस द्वारा पुख्ता प्रबन्ध किए जा रहे हैं। डी.सी. स. शिवदुलार सिंह ढिल्लों से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने इस सम्बन्धी अज्ञानता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में शहरी क्षेत्रों में ऐसी पाबंदी पुलिस द्वारा लगाई जाती है जबकि पुलिस कमिश्नर एस. श्रीवास्तवा ने कहा कि उक्त पाबंदी रोष रैलियों एवं धरनों के कारण अक्सर शहर में लगी रहती है और इसका जलियांवाला बाग समारोह के अवसर पर विशेष रूप से लगाए जाने के आरोप बेबुनियाद हैं।