संसदीय लोकतंत्र देश का भविष्य बदलने में असफल : काटजू

जालन्धर, 14 अप्रैल (मेजर सिंह): सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज मारकंडे काटजू ने कहा कि भारतीय संसदीय लोकतंत्र देश का भविष्य बदलने में पूरी तरह असफल रहा है। लोकसभा चुनावों के पश्चात बनने वाली गठबंधन सरकार देश में ओर अस्थिरता पैदा करेगी और हालत ओर भी बदतर होंगे। डा. अम्बेदकर के जन्म दिवस सम्बन्धी समारोह में शामिल होने के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते वाकपटुता से बोलने वाले जस्टिस काटजू ने कहा कि भारत में चुनाव अभी भी जाति, बिरादरी एवं धर्म के नाम पर पड़ती हैं। जाति एवं धर्म के नाम पर वोटें पड़ने से साम्प्रदायिक ताकतें मजबूत हो रही हैं, फिर ऐसी व्यवस्था को संसदीय लोकतंत्र कैसे कहा जा सकता है? उन्होंने कहा कि इस समय संसदीय लोकतंत्र ही देश के तरक्की के मार्ग में बड़ी रुकावट बन गई है। उन्होंने कहा कि चीन हमारे से कई वर्ष पश्चात आजाद हुआ और उन्होंने हमारे जैसी संसदीय व्यवस्था नहीं अपनाई। वह भारत के साथ कम से कम 6 गुना आगे है। जस्टिस काटजू ने कहा कि गठबंधन सरकार बनने से देश मुगलकाल के पश्चात जैसी अस्थिरता में पहुंच जाएगा। आरक्षण दलितों हेतु नुक्सानदेह : जस्टिस काटजू ने कहा कि मेरी बात यद्यपि कुछ लोगों को अच्छी न लगे परन्तु यह बात सच है और सबको मानना पड़ेगा कि आरक्षण दलितों के लिए नुक्सानदायक है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत से भी कम देश में नौकरियों में दलितों को आरक्षण मिल रहा है और यह सुविधा भी दलितों के छोटे से हिस्से को ही बार-बार मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस कारण दलित एवं गैर-दलित में नफरत एवं दरार भी बढ़ रही है। इस अवसर पर श्री एल.आर. बाली (सम्पादक भीम पत्रिका), डा. सुरिन्द्र सिंह, इन्द्रजीत सिंह चड्ढा एवं अन्य शख्सियतें उपस्थित थीं।