क्षेत्र संगरूर से आम आदमी पार्टी के लिए दोबारा जीतना नहीं आसान

बरनाला, 21 अप्रैल (अ.स.): यद्यपि पहले 2014 के लोकसभा चुनावों और फिर 2017 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले इस समय आम आदमी पार्टी का राज्य में काफी आधार कम हो गया है परन्तु यदि लोकसभा क्षेत्र संगरूर की बात की जाए तो यहां से पार्टी के प्रान्तीय प्रधान भगवंत मान के एक बार फिर मैदान में होने के कारण न केवल पूरे राज्यवासियों बल्कि विदेशों में बैठे पंजाबियों की नज़रें इस क्षेत्र की ओर ज्यादा हैं। विगत चुनावों पर यदि दृष्टि दौड़ाई जाए तो लोकसभा चुनावों में भगवंत मान और विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के पांच प्रत्याशियों ने बाजी मारी थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भगवंत मान को 533237 वोटें हासिल हुई थीं जो पड़ी कुल वोटों में से 48.50 प्रतिशत थी परन्तु 2017 के विधानसभा चुनावों में लोकसभा क्षेत्र संगरूर के 9 विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को 407159 वोटें मिलीं। जो न केवल लोकसभा के मुकाबले 126078 वोटें कम थीं बल्कि क्षेत्र में पड़ी कुल वोटों में से कम होकर 34 प्रतिशत ही रह गई थीं जिससे यह देखने वाली बात है कि पार्टी को लोकसभा चुनावों के मुकाबले विधानसभा चुनावों में 14.5 प्रतिशत वोटें कम पड़ी थीं। इसी तरह विगत समय दौरान आम आदमी पार्टी में बड़े स्तर पर पड़े कलह का प्रभाव भी इन लोकसभा चुनावों में देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी के साथ अलग हुए सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा बनाए गए पंजाब जम्हूरी गठबंधन द्वारा जस्सी जसराज को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारकर आम आदमी पार्टी की वोटों पर ओर चोट पहुंचाने का कार्य भी किया गया है। यहां यह भी वर्णनीय है कि क्षेत्रवासी परिवर्तन की भावना रखते हैं, जिसके चलते विगत 20 वर्षों से कोई भी लोकसभा सांसद दोबारा जीत हासिल नहीं कर सका परन्तु फिर भी आम आदमी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता जहां एक बार फिर भगवंत मान की जीत का दावा कर रहे हैं वहीं दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल भी आम आदमी पार्टी के कलह और पार्टी की कम हो रही लोकप्रियता का लाभ लेने की प्रयास कर रही हैं।