सारागढ़ी की ऐतिहासिक जंग पर फिल्म बनाना बेहद चुनौती पूर्ण था : अनुराग सिंह


जालन्धर, 23 अप्रैल (हरविन्द्र सिंह फुल्ल): हाल ही में रिलीज हुई हिन्दी फिल्म ‘केसरी’ की अपार सफलता से एक बार फिर चर्चा में आए प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एवं लेखक अनुराग सिंह का कहना है कि सिखों के गौरवमयी इतिहास की गौरवगाथा को बड़े पर्दे पर पेश करके उनको सुकून मिला है और सिखों के बहादुरी एवं कुर्बानियों भरे इतिहास को दर्शाती इस फिल्म का निर्माण उनके लिए बड़े गौरव की बात है। आज यहां ‘अजीत’ भवन में एक विशेष मुलाकात दौरान उन्होंने कहा कि केसरी फिल्म का निर्माण उनके लिए बेहद चुनौती भरपूर था। एक तो सारागढ़ी की ऐतिहासिक जंग और विशेषकर सिख कौम के गौरवमयी इतिहास को बड़े पर्दे पर पेश करना जहां उनके लिए एक अलग अनुभव था वहीं फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों की परिपक्वता को कायम रखना और सिख कौम की मान-मर्यादा को सही ढंग से पेश करना भी उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी।
हमेशा विषय से हटकर फिल्म बनाने वाले अनुराग सिंह ने केसरी फिल्म के निर्माण से जुड़ी कुछ रोचक बातों पर अपने अनुभव सांझे करते हुए कहा कि सारागढ़ी की लड़ाई बारे बहुत कम लोगों को पता है और इस बारे ज्यादा कुछ लिखा भी नहीं गया और ऐसे में उस समय के लोगों के रहने-सहने एवं ऐतिहासिक तथ्यों की सार्थकता को बनाकर रखना और सच्ची घटना को व्यापारिक दृष्टि से हर तरह के मसाले से भरपूर बनाने वाली घटना ही उनके लिए काफी कठिन कार्य था परन्तु उनको समूची टीम द्वारा मिले सहयोग से यह सपना संभव हो सका और लोग सारागढ़ी की सच्ची घटना से नहीं बल्कि सिख कौम के बहादुरी एवं कुर्बानियों भरे इतिहास से भी अवगत हो सके हैं। 
उन्होंने बताया कि बड़े बजट की इस फिल्म के निर्माण में 2 वर्ष का लम्बा समय लगा और हर एक दृश्य को बहुत ही बारीकी एवं मेहनत से फिल्माया गया। केसरी फिल्म में ऐतिहासिक जंग की घटनाओं और सिख कौम के साहस एवं बहादुरी को बहुत ही भावपूर्ण एवं प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया है और निर्देशक अनुराग सिंह के निर्देशन की हर ओर से तारीफ हो रही है।