सरकार द्वारा 3.25 अरब की बकाया राशि न देने के कारण शिक्षा बोर्ड की आर्थिक हालत हुई डावांडोल

एस. ए. एस. नगर, 24 अप्रैल (तरविंद्र सिंह बैनीपाल) : पंजाब सरकार द्वारा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों की 3.25 अरब की बकाया राशि जारी न करने के कारण बोर्ड की आर्थिक हालत पूरी तरह डावांडोल हो गई है। बोर्ड मैनेजमेंट को रोज़मर्रा की आवश्यकताओं के लिए राशि, मुलाज़िमों को वेतन और पैंशनरों की पैंशन राशि जारी करने के लिए वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बोर्ड की आर्थिक मंदहाली के कारण बोर्ड चेयरमैन की तरफ से पंजाब सरकार द्वारा जब तब बकाया राशि जारी नहीं की जाती, तब तक अपना वेतन न लेने की बात कही गई है। शिक्षा बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के नेताओं बलजिंद्र सिंह, रजिंद्र मैणी, प्रभदीप सिंह बोपाराए, बलजिंद्र सिंह मांगट, परमजीत सिंह पम्मा ने आज बोर्ड चेयरमैन मनोहर कांत कलोहीया को मिल कर बोर्ड की खराब आर्थिक हालत का हवाला देते हुए पंजाब सरकार से पाठ्य पुस्तकों की 3.25 अरब की बकाया राशि जारी करवाने के लिए सरकार को पत्र लिखने और आगामी पाठ्य पुस्तकों का पहला चरण जारी करने के पूर्व एडवांस राशि लेने सबंधी मांग पत्र दिया गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार शिक्षा बोर्ड द्वारा पंजाब सरकार को 3.25 अरब की बकाया राशि को जल्द जारी करने के लिए कई पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन सरकार द्वारा इस मामले को गम्भीरता के साथ नहीं लिया जा रहा, जिस कारण बोर्ड की आर्थिक हालत इतनी चिन्ताजनक हो गई है कि बोर्ड द्वारा अपनी रोज़मर्रा की देनदारियों जैसे मुलाज़िमों के वेतन, पैंशनें, पेपर खरीद, किताबों की छपाई और वितरण, परीक्षाओं के साथ सबंधित सभी खर्चे आदि के भुगतान करने के लिए मुश्किल पेश आ रही है, स़िर्फ आवश्यक देनदारियों की राशि जारी करने के अलावा शेष को पंजाब सरकार द्वारा जारी की जाने वाली 133 करोड़ रुपए की राशि का इंतजार करने को कहा जा रहा है। इस संबंधी सम्पर्क करने पर बोर्ड के चेयरमैन मनोहर कांत कलोहिया ने कहा कि शिक्षा बोर्ड द्वारा इस सैशन के प्रथम चरण की 1 करोड़ 27 लाख पाठ्य पुस्तकें छाप कर सरकारी स्कूलों में पहुंचा दी हैं, जबकि दूसरे चरण की पुस्तकों की सप्लाई आज से शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा 31 मार्च तक 3 किश्तों में 133 करोड़ रुपए की राशि जारी करने का वायदा किया गया था, लेकिन आज तक राशि जारी न होने कारण जहां पाठ्य पुस्तकों के लिए पेपर मिलों से करोड़ों रुपए का पेपर उधार उठाया गया है, वहीं पिंरटिंग प्रैसों को पुस्तकों की छपाई का भी अभी तक कोई पैसा नहीं दिया जा सका। उन्होंने बताया कि बोर्ड की पुरानी एफडीज़ को तुड़वा कर बोर्ड मुलाज़िमों के वेतन व पैंशनों की 12 करोड़ के करीब प्रतिमाह राशि का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि जब तक पंजाब सरकार द्वारा बकाया राशि की पहली किश्त जारी नहीं की जाती, वह अपना वेतन नहीं लेंगे।