डेरा बाबा नानक में लगे बोर्ड पर मां बोली पंजाबी के साथ सौतेला व्यवहार

बटाला, 27 अप्रैल (काहलों) : चाहे कि मां बोली पंजाबी को उसका बनता रुतबा व मान सम्मान दिलाने के लिए पंजाबी भाषा के समूह हितैषियों द्वारा समय समय पर अपनी आवाज बुलंद करते सरकारों को जगाया जाता रहा है, परंतु अफसोस की बात यह है कि जहां पंजाब सरकार के सरकारी कार्यालयों में भी मां बोली पंजाबी के साथ भेदभाव हो रहा है, वहीं गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के रास्ते के डेरा बाबा नानक में लगे बोर्डाें पर भी मां बोली पंजाबी के साथ भेदभाव किया जा रहा है और विदेशी भाषा अंग्रेजी का बोलबाला ही दिखाई दे रहा है, जिस कारण श्री करतारपुर साहिब जी के दूरबीन से दर्शन दीदार करने आ रही संगत व मां बोली पंजाबी को प्यार करने वाले हितैषियों में भारी रोष पाया जा रहा है और संगत व लोगों की यह मांग है कि श्री करतारपुर साहिब के रास्ते के साइन बोर्डाें में मां बोली पंजाबी भाषा को उसका बनता पहला स्थान मिलना चाहिए। बटाला मेन सड़क से डेरा बाबा नानक के अंदर दाखिल होते ही पंजाब सैर सपाटा विभाग अमृतसर द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखा वैलकम का बोर्ड अगर पंजाबी भाषा में जी आया लिखा होता तो और अच्छा लगता। इसी तरह करतारपुर साहिब रास्ते पर बनाई जा रही चैक पोस्ट पर लगाए गए बोर्ड भी अंग्रेजी भाषा में लिखे हैं, जोकि लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं कि अगर पंजाब में भी मां बोली पंजाबी के साथ ऐसा भेदभाव होना है तो फिर उसका मान सम्मान कहां मिलेगा। श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने आती संगत व पंजाबी भाषा के समूह हितैषियों ने पंजाब व केंद्र सरकार से मांग की है कि पंजाब में पंजाबी को उसका रुतबा व मान सम्मान दिया जाए।