होशियारपुर में सोम प्रकाश के रास्ते का रोड़ा बन सकती है भाजपा की ‘गुटबंदी’

होशियारपुर, 1 मई (नरेन्द्र मोहन शर्मा): जैसे-जैसे चुनाव गतिविधियों का पारा चढ़ रहा है वैसे ही राजनीतिक गुटबंदी भी जोर पकड़ती नज़र आ रही है। जहां एक तरफ भाजपा के स्थानीय नेता चाहे सभी के एकजुट होने की बात करते नज़र आ रहे हैं परंतु ज़मीनी हकीकत कुछ अलग ही नज़र आ रही है। अकाली भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार सोम प्रकाश की चुनाव मुहिम भी अभी तक ठंडी ही दिखाई दे रही है जहां भाजपा का एक गुट सोम प्रकाश के साथ चला नज़र आ रहा है वहीं अन्यों गुटों के नेताओं व वर्करों की गैर मौजूदगी यह इशारा करती है कि मामला गड़बड़ है। पिछले दिनों भाजपा उम्मीदवार सोम प्रकाश ने शहर में अपनी चुनाव मुहिम का आगाज़ करते विभिन्न बाजारों का चक्कर लगाया तो उनके साथ भाजपा के पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद व उनके गुट के कुछ लोग ही थे जब कि भाजपा के पुराने पदाधिकारी व वर्करों के साथ साथ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना या उनके गुट के समर्थक कहीं भी नज़र नहीं आए। इसके साथ ही केंद्रीय राज मंत्री विजय सांपला का अभी तक चुनाव मुहिम से दूरी बनाए रखना भी आने वाले समय में भाजपा उम्मीदवार के लिए मुश्किल का कारण बन सकता है। मौजूदा हालातों में जहां भाजपा उम्मीदवारों के लिए देर से चुनाव मैदान में आने के कारण चुनाव मुहिम में तेज़ी लाना एक बड़ी चुनौती है वहीं भाजपा की गुटबंदी से छुटकारा भी सोम प्रकाश के लिए एक बड़ी मुश्किल साबित हो सकता है। राजनीतिक हलकों में अभी तक शिरोमणि अकाली दल भी पूरी तरह भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में आया नजर नहीं आ रहा। चाहे शिरोमणि अकाली दल के शहरी जिलाध्यक्ष जतिन्दर सिंह लाली बाजवा, बीबी महिन्दर कौर जोश, सोहन सिंह ठंडल पूर्व कैबनिट मंत्री, एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी सदस्य शिरोमणि कमेटी व अन्य अकाली नताओं सहित उनके साथी सोम प्रकाश के नामज़दगी कागज़ भरने मौके मौजूद रहे परंतु ठंडी चल रही सोम प्रकाश की चुनाव मुहिम को धार देने में अभी तक अकाली दल भी कहीं सरगर्म नज़र नहीं आ रहा। इन हालातों में भाजपा की गुटबंदी पर काबू डालना तथा अकाली दल द्वारा तेज़ी लाने के लिए भाजपा नेता किसी बड़े नेता की फेरी की योजना बना रहे है तांकि जो भाजपा उम्मीदवार के चुनाव मुहिम को तेज़ किया जा सके।