कोटा कम आने से चीनी में टम्प्रेरी तेज़ी

नई दिल्ली,5 मई (एजेंसी) गत सप्ताह चीनी को कोटा शादियों एवं गर्मी के मौसम को देखकर खपत की तुलना में कम आया, जिससे सप्ताह के मध्य में एक बार 50/60 रुपए मिलों ने भाव बढ़ा दिये, लेकिन बढ़े भाव पर दूसरे दिन ही ग्राहकी का समर्थन न मिलने से तेजी की हवा निकल गयी। चीनी का उत्पादन अधिक होने से स्टॉकिस्टों का मनोबल मंदे का बना हुआ है। जिससे खपत के अनुरूप ही मांग चल रही है। गत वर्ष की तुलना में अब तक नौ लाख टन चीनी अधिक बन चुकी है। जिससे आगे भी लम्बी तेजी नहीं लग रही है। आलोच्य सप्ताह चीनी का कोटा चालू माह का घरेलू खपत हेतु 19.80 एवं निर्यात हेतु 1.20 लाख टन सरकार द्वारा छोड़ा गया। कुल मिलाकर 21 लाख टन को कोटा मई माह का आया, लेकिन मिलों में पिछले माह की चीनी 95 प्रतिशत बिक जाने से बकाया स्टॉक नहीं आया। यही कारण है कि एक बार कोटा की घोषणा होते ही 50/60 रुपए प्रति क्विंटल चीनी के भाव बढ़कर मिलों में 3230/3260 रुपए हो, लेकिन दूसरे दिन ही ग्राहकी का समर्थन न मिलने एवं महाराष्ट्र की मिलों द्वारा 10/15 रुपए घटाकर डीओ बनाये जाने से मंदे का रुख शुरू हो गया तथा शनिवार को 20/30 रुपए और बाजार दब गये। गौरतलब है कि चीनी का उत्पादन 30 अप्रैल तक 321 लाख टन के करीब हो चुका है, जो गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में नौ लाख टन अधिक है तथा अभी लगातार मिलों में गन्ने की आवक चल रही है, जिससे 20 लाख टन से ऊपर चीनी और बन जायेगी। हाजिर में भी चीनी 50/60 रुपए बढ़ने के बाद 10/20 रुपए दब गयी। हम मानते हैं कि मई के महीने में शादियो की अतिरिक्त खपत बढ़ेगीदूसरी ओर गुड़ भी अब तक 12.60 लाख कट्टे के करीब मुजफ्फरनगर के कोल्ड स्टोरों में स्टॉक हो चुका है। यह गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 80 हजार कट्टे अधिक है। गुड़ की चालानी मांग बिहार, बंगाल एवं पंजाब की अच्छी होने से 100 रुपए प्रति क्विंटल चाकू व पेड़ी में तेजी आ गयी तथा आगे भी इसमें और तेजी के आसार दिखाई दे रहे हैं।