अधिकारी व कर्मचारी चुनावी ड्यूटियों में व्यस्त


वरसोला, 7 मई ( वरिन्दर सहोता) : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से फसलों की अवशेष- करने को आग न लगाने की जारी की हिदायतें को पंजाब अंदर पूरी सख्ती के साथ लागू करने के पंजाब सरकार की तरफ से दावे किये जा रहे हैं। इस के लिए सरकार के दिशा- निर्देशों पर कई समितियों का गठन किया हुआ है और कई तरह के ओर इंतज़ाम करन के भी दावे किये जा रहे हैं। परन्तु पिछले दो दिनों से जिस तरीको साथ किसानों की तरफ से बड़ी स्तर पर गेहूँ के नाड़ी को आग लगाई जा रही है। इस से प्रतीत होता है कि यह सभी कुछ सिर्फ खाना पूर्ति ही है। अब जब पंजाब अंदर गेहूँ की कटाई करीब 98 प्रतिशत खत्म हो चुकी है जिससे किसानों ने पूरी तेज़ी के साथ नाड को आग लगानी शुरू कर दी है। किसानों की तरफ से बिना किसी डर के नाड कोजलाया जा रहा है। हालात यह हैं कि मतदान का समय होने के कारण सरकार भी इस संबंधी ढीली पड़ गई लगती है और किसान भी इस समय का पूरा फ़ायदा उठा रहे हैं। यह भी जानकारी मिली है कि किसानों की तरफ से इकठ्ठा हो कर नाड को आग लगाई जा रही जिससे यह पता ही न लगे कि आग किस ने लगाई है। इस आग का चारों तरफ़ उठता धुआं सरकारी विभागों और ख़ास करके प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दिखाई ही नहीं दे रहा। यहां तक कि किसानों की तरफ से नाड़ी को लगाई गई आग के साथ बड़ी स्तर पर पौधे भी जल रहे हैं और वातावरण भी दूषित हो रहा है। जिस से यह भी साबित हो रहा है कि सरकार की तरफ से किसानों को अलग- अलग विभागों के द्वारा नाड़ी को आग न लगाने की सम्बन्धित फैलायी जागरूकता का कहीं प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा।  इस के साथ ही आग लगाने पर 2 एकड़ से कम ज़मीन के मालिक को 2500 रुपए, 2 से 5 एकड़ वाले को 5 हज़ार रुपए और 5 एकड़ से अधिक मालकी वाले किसान को 15 हज़ार रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।