बढ़ती महंगाई

सरकार विकास का नारा लगा कर देश को प्रगति के पथ पर ले जाना चाहती है। लेकिन देश उन्नति तभी करने में सक्षम होगा जब हर एक नागरिक को भरपेट खाना मुहैया हो। शरीर के लिए आहार पहली ज़रूरत है। सामाजिक एवं देश की तरक्की तभी सम्भव है जब हर एक आदमी को रोज़ाना ज़रूरत के मुताबिक चीज़ें उसकी क्षमता के अनुसार मिलें, लेकिन सब्ज़ी का रोटी के साथ बड़ा नज़दीकी नाता है। आज सब्जियों के दाम आसमान से बातें कर रहे हैं।  रोज़मर्रा की चीज़ें आम आदमी को तड़पा रही हैं।  इस बात में कोई शक नहीं है, तथा सरकारी आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं कि हमारे देश में उत्पादन बढ़ा है, किन्तु यह तभी तक सही प्रतीत होता है जबकि मांग से अनुपात न देखा जाए। इस उत्पादन की बनिस्पत मांग बढ़ती है। अत: चीजों को ऊंचे दाम पर बेचा जाता है, जिससे स्वाभाविक ही था कि महंगाई बढ़ेगी। विदेशी कज़र् का भार देश पर लगातार बढ़ रहा है। 

-राम प्रकाश शर्मा