एफ.आई.ए. ने करतारपुर कोरिडोर के लिए  पाक सरकार से मांगे 215 मिलियन डॉलर

अमृतसर, 13 मई (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान की संघी जांच एजेंसी (एफ.आई.ए.) ने श्री करतारपुर को कोरिडोर के लिए पाकिस्तान सरकार से नवम्बर 2019 से पहले 215 मिलीयन डालर के फंड जारी करने के लिए अपील की है। एफ.आई.ए. इमिग्रेशन के डायरैक्टर नासिर महमूद सत्ती पी.एस.पी. ने इस बारे में पत्र नंबर 59/11/ आई.ए.एस.ओ. 289 जारी करते हुए बताया कि उक्त राशि में से 40,450,000 रुपए कम्प्यूटर, कैमरों, पासपोर्ट स्कैनर, रूटर, प्रिंटर आदि सामान और अन्य 21,195,000 रुपए यू.पी.एस., एयर कंडिशनर, दीवार और छत वाले पंखों, जनरेटर, माइक्रोवेव ओवन, शुद्ध पेयजल वाले कूलरों आदि पर खर्च किए जाएंगे। जबकि श्री करतारपुर कोरिडोर के लिए एफ.आई.ए. के रखे जाने वाले स्टाफ के वेतनों पर 14,30,25,144 रुपए वार्षिक (1,19,18,762 रुपए मासिक) खर्च किए जाएंगे। उक्त स्टाफ में एक डिप्टी डायरैक्टर, 4 सहायक डायरैक्टर, 4 सिस्टम इंचार्ज, 5 इंस्पैक्टर, 6 सब-इंस्पैक्टर, 2 स्टैनो टाईपिस्ट, 4 टैक्नीकल सहायक, 16 सहायक सब-इंस्पैक्टर, 55 हैड कांस्टेबल और 165 कांस्टेबल सहित 18 अन्य कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। उक्त स्टाफ में सबसे अधिक मासिक वेतन 92,795 रुपए डिप्टी डायरैक्टर को दी जाएगी। ‘अजीत समाचार’ को सूत्रों के हवाले से मिले उक्त पत्र में यह भी जानकारी दर्ज है कि गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के बाहर की तरफ एफ.आई.ए. कर्मचारियों के लिए सिंगल बैड वाली 50 बैरक, 50 कैबिन और 10-10 शौचालय और गुस्लखाने भी बनाए जा रहे हैं। यहां यह भी वर्णनीय है कि चाहे की दोनों देशों में कोरिडोर बारे काफी मुद्दों पर सहमति बन चुकी है, परन्तु कुछ मुद्दों पर दोनों देशों में अभी भी समझौता नहीं हो सका है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत के सभी नागरिक नहीं बल्कि केवल सिख भाईचारे के लोग ही इस रास्ते से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगे, जबकि भारत का कहना है कि हर धर्म के लोगों को गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों की इजाज़त होगी। इसके अलावा भारत द्वारा पाकिस्तान की वीज़ा फीस लेने की शर्त को भी नकारा गया है। भारत चाहता है कि प्रतिदिन 5000 यात्रियों को गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाने की मंजूरी हो और वैसाखी और अन्य दिन सिर्फ 700 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की मंजूरी देने बारे बात कही है। भारत ने पाकिस्तान को कहा है कि एक परिवार या फिर एक समूह में चाहे जितनी भी गिनती में श्रद्धालु हो उनको गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने की इजाज़त दी जाए, जबकि पाकिस्तान सिर्फ 15 श्रद्धालुओं के समूह को ही मंजूरी देने की जिद्द पर अड़ा हुआ है। भारत का कहना है कि श्रद्धालुओं पैदल या कार में आने की छूट होनी चाहिए और इस बारे पाक का कहना है कि सीमा पार पैदल जाने की इजाज़त नहीं होगी और श्रद्धालु केवल पाकिस्तानी ट्रांसपोर्ट द्वारा ही जा सकेंगे। भारत में लोकसभा चुनाव पूरे होने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर से श्री करतारपुर साहिब कोरिडोर बारे भारत से बातचीत करेगा।