प्रेरक प्रसंग पर-हित

एक दिन स्वामी विवेकानंद किसी स्थान पर प्रवचन कर रहे थे। एक अमीर व्यक्ति ध्यान मग्न होकर उनके प्रवचन को सुन रहा था। स्वामी जी कह रहे थे -‘एक वृक्ष पर दो पक्षी बैठे हैं। एक पक्षी फल खा रहा है ,तो दूसरा उसे खाते हुए देख रहा है। आप लोग जानते हैं कि वो दोनों पक्षी कौन हैं ? पहला पक्षी आत्मा दूसरा परमात्मा। इन्सान यही सोचता है कि वह जो कर रहा है , उसे कोई नहीं देख रहा है, लेकिन ईश्वर से कुछ भी छुपा नहीं है। ’अमीर व्यक्ति स्वामी जी की बातों से बहुत अधिक प्रभावित हुआ। वह उनके कहे हर बात का अर्थ अच्छी तरह समझ गया था। रात में जब वह भोजन करने के लिए बैठा ,तो पड़ोसी की आवाज सुनायी दी। वह शीघ्र पड़ोसी के घर की ओर भागा। वहां का दृष्य देखकर वह आश्चर्यचकित रह गया। बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे और उनकी मां उन्हें समझाने का  प्रयास कर रही थी। अमीर व्यक्ति को स्वामी जी की बात याद आ गयी। उसने तुरंत घर जाकर पड़ोसी के घर अन्न ,वस्त्र आदि भिजवाने के बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण किया।        
    -पुष्पेश कुमार पुष्प