5 रुपए के नकली सिक्के देश की आर्थिकता को लगा रहे हैं ‘चूना’


बठिंडा छावनी, 20 मई (परविन्द्र सिंह जौड़ा): देश में 5 रुपए के नकली सिक्कों का ‘काला-धंधा’ पूरे ज़ोर-शोर से चल रहा है। अन्यों साधनों के अलावा टोल प्लाजों से ही रोज़ाना बड़ी संख्या में प्राप्त हो रहे पांच रुपए के नकली सिक्के देश की आर्थिकता को ‘खोरा’ लगा रहे हैं। फिकरमंदी  तो यहां तक है कि ध्यान में लाने के बावजूद इस बेहद संवेदनशील मुद्दे का न तो वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कोई नोटिस लिया व न ही नौएडा मुद्रा टकसाल ने पड़ताल करने की कोशिश की। अब हरियाणा के बहादुरगढ़ में 5 रुपए के नकली सिक्के बनाने व टोल प्लाजों द्वारा बाज़ार में खपाने का मामला सामने आने पर ‘बिल्ली’ थैले से बहार आ गई है। एक महिला सहित पकड़े गए चार आरोपियों ने खुलासा किया है कि वह सिर्फ तीन महीनों में 3 करोड़ रुपए के नकली सिक्के बना कर बाज़ार में खपा चुके हैं। बीबी वाला रोड बठिंडा वासी अमरीक सिंह शींह पिछले काफी लम्बे समय से 5 रुपए के नकली सिक्कों का पर्दाफाश करने की कोशिशें में जुटे हुए हैं। 14 अक्तूबर 2018 को बठिंडा में एक समारोह मौके पहुंचे वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को निजी तौर पर मिल कर अमरीक सिंह ने बाज़ार में 5 रुपए के नकली सिक्के चलते होने की शिकायत की थी। वित्त मंत्री ने उस समय ‘मैं पता करता हूं’ कह कर मामला ठंडे बिस्तरे में डाल दिया था। इसके उपरांत अमरीक सिंह ने 20 फरवरी 2019 को टोल प्लाजों से प्राप्त हुए नकली सिक्कों का पैकेट बना कर भारतीय मुद्रा टकसाल नौएडा के मार्किटिंग मैनेजर नारेश्वर नाथ को जांच करने व रिपोर्ट देने के लिए भेजा था, उन्होंने इस संबंधी जांच करने की बजाए 1 मार्च 2019 को बिना पैकेट खोला ही वापस भेज दिया था। इससे पहले टकसाल के एक अन्य अधिकारी के साथ फोन पर भी बात हुई थी। अमरीक सिंह द्वारा 20 मार्च 2019 को भेजी गई ई-मेल का भी नौएडा टकसाल ने कोई जवाब नहीं दिया था। अमरीक सिंह जोकि पेशे से स्वर्णकार हैं, द्वारा अपने स्तर पर सिक्कों की लैब जांच भी करवाई गई थी, जिस पर पता लगा कि नकली सिक्कों में उपयोग गई धात लोहा है और इन ऊपर निकल की पालिश की गई है। जबकि असली सिक्के पित्तल व निकल से बनाए जाते हैं। बारीकी के साथ देखने पर नकली व असली सिक्कों की रूपरेखा में भी अलग नजर आता है।