चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेश में नशे का मुद्दा रहा हावी

जगराओं, 21 मई (विनोद कुमार): लोक सभा चुनावों के नतीजे चाहे कुछ भी हो पर सत्तापक्ष सहित चुनाव में अन्य राजनीतिक पार्टियों को पहली बार आम जनता के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। पंजाब में शासन कर रही कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को लोगों ने सीधे एवं सोशल मीडिया से चुनाव वायदे याद करवाए और पंजाब में 2 सप्ताह में नशा खत्म कर देने का कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का चुनावी वायदा आम लोगों द्वारा उठाया गया जो कांग्रेसियों के लिए नामोशी का कारण बना। इस समय पंजाब में सबसे अधिक लोक नशों से पीड़ित है और राज्य में चिट्टे का नशा खुलेआम बिक रहा है, जिसका सेवन करने वाले पंजाब के नौजवान मौत के मुंह में जा रहे थे और बेशक राज्य सरकार द्वारा पंजाब में नशा तस्करों को पकड़ने का दावा किया जा रहा है, पर हकीकत में पंजाब में नशों के वही हालात बने हैं, जो अकाली सरकार के कार्यकाल दौरान थे और पंजाब में नशा माफिया पुन: अपने पैर पसार चुका है। गांवों में खुलेआम चिट्टा आसानी से मिल रहा है और इस नशे की गिरफ्त में आए नौजवान नशे की पूर्ति के लिए लूटपाट व चोरियां कर रहे हैं और पंजाब में जुर्मों में वृद्धि हो रही है। सबसे से जयादा वो परिवार पीड़ित हैं जिनके पुत्र चिट्टे का नशा करते हैं, क्योंकि यह नशा बहुत महंगा है और नशेड़ी नौजवान नशा खरीदने के लिए परिवार को तंग परेशान करते हैं और उक्त परिवारों द्वारा गत विधान सभा चुनावों में पार्टीबाज़ी से ऊपर उठ कर कांग्रेस की इसी लिए सहायता की गई थी कि चुनाव वायदे अनुसार कैप्टन अमरेन्द्र सिंह राज्य में जल्द नशों का खात्मा कर देंगे। पर राज्य में कैप्टन के नेतृत्व में बनी सरकार ने कुछ माह नशों के खिलाफ सख्ती की। इन चुनावों में लोगों द्वारा चुनाव प्रचार दौरान वोट मांगने आए कांग्रेस प्रत्याशियों को नशे रोकने का वायदा पूरा करने के लिए कहा। राज्य के हर हलके की तरह लोक सभा हलका लुधियाना से कांग्रेस के प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू को कई गांवों में चल रही नशों की आंधी की जानकारी आम लोगों द्वारा दी गई और गांव मलक में भी चुनाव प्रचार दौरान पहुंचे बिट्टू के पास कई महिलाओं ने नशे रोकने की अपील की। इसी तरह गांव गिदड़विंडी में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को कुछ लोगों द्वारा नशों के मुद्दे पर घेरने का वीडियो वायरल हुआ। पर इसके बावजूद पंजाब सरकार द्वारा नशों के मुद्दे पर कोई टिप्पणी न करना साबित करती है कि पंजाब में नशों का कारोबार ज़ोरों पर चल रहा है।