प्राकृतिक तरीके से फिट रहने के कुछ मंत्र

 फल खाने से पहले, खाने के साथ या खाने के बाद में न खाएं। फल एक समय के भोजन के स्थान पर खाएं।
*  फल हमेशा एक समय पर एक ही तरह का खाएं। जैसे सेब, केला, संतरा एक साथ दो से तीन खा सकते हैं पर एक एक मिला कर साथ में न खाएं।
* जितना श्रम करें, उतना ही खाना खाएं ।
*  खाना भूख लगने पर ही चबा चबा कर खाएं।
* पानी भी प्यास लगने पर पिएं, एकदम पूरा गिलास पानी इकट्ठा न पिएं थोड़ा थोड़ा कर पिएं। जरूरत से ज्यादा पिया पानी किडनी पर लोड डालता है।
*  सलाद में अलग से किसी प्रकार का नमक या नींबू न मिलाएं। सलाद वाली चीजें अल्कलाइन होती हैं। नींबू और नमक में एसिड होता है। 
* सब्जियां और फल मिलाकर न खाएं। इकट्ठा खाने से इन्हें पचाने में परेशानी हो सकती है क्योंकि फल एसिडिक होते हैं और सब्जियां अल्क लाइन।
*  खाने में अल्काइन चीजें अधिक खाएं और एसिडिक चीजें कम  क्योंकि अगर शरीर में एसिड ज्यादा हो तो एसिडिक चीजें खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है और त्वचा संबंधी इंफेक्शन ज्यादा होते हैं।                    
* हो सके तो दिन की शुरूआत नारियल पानी व सफेद पेठे के रस से  करें।
* पका हुआ भोजन एक बार लेना अति उत्तम होता है। रात्रि में पका हुआ भोजन जल्दी 6 से 7 बजे तक कर लें तो लाभ पूरा मिलता है। देर रात्रि में पका भोजन लेने से पाचन प्रक्रि या को बहुत मेहनत करनी पड़ती है और पूरा पचता भी नहीं है। 
*  बैठने और सोने का स्थान सख्त होना बेहतर होता है। अधिक नर्म गद्दे या कुर्सी की गद्दी शरीर के लिए ठीक नहीं।   
* सैर, व्यायाम नियमित करें और पौष्टिक आहार सीमित मात्र में लें फिर हमें सप्लिमेंट लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती। अपने तन-मन पर नियंत्रण जरूरी है।
* अधिक चटपटा, मसालेदार भोजन शरीर को नुकसान पहुंचाता है।  
* सप्ताह में एक दिन ,एक समय अपनी मर्जी का सीमित मात्र में खाएं ताकि शरीर को तरसाहट न सहनी पड़े। 
*  15 दिन में कम से कम एक उपवास रखें। उस दिन फल, सब्जियों, नारियल पानी, छाछ आदि लें। अगंर फिर भी भूख लगे तो हल्की खिचड़ी सब्जियों वाली लें।
* सूरज की रोशनी प्रात:काल के समय 20 मिनट तक लें ताकि विटामिन डी की कमी न होने पाए।   

- सुनीता गाबा