1951 में हुआ पहला आम चुनाव

भारत के स्वतंत्र होने के बाद, पहली लोकसभा का निर्वाचन किया। 1950 में संविधान लागू होने के बाद 1951 में देश में पहली बार आम चुनाव हुए, जो 1952 तक चले, अक्तूबर, 1951 में आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई जो पांच महीने तक चली और फरवरी,1952 में खत्म हुई, पहली बार जब चुनाव हुए तो कुल 4500 सीटों के लिए वोट डाले गए, इनमें से 489 लोकसभा की और बाकी विधानसभा सीटें थीं। 1951 के आम चुनाव में 14 राष्ट्रीय पार्टी, 39 राज्य स्तर की पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। इन सभी दलों के कुल 1874 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे। राष्ट्रीय पार्टियों में मुख्य तौर पर कांग्रेस, सीपीआई, भारतीय जनसंघ और बाबा साहेब अम्बेदकर की पार्टी शामिल थी। इसके अलावा भी अकाली दल, फॉरवर्ड ब्लॉक जैसी पार्टियां चुनाव में शामिल हुई थीं। लोकसभा की 489 सीटों में से 364 कांग्रेस के खाते में गई थीं, यानी जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में कांग्रेस को संपूर्ण बहुमत मिला था। कांग्रेस के बाद सीपीआई दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी जिसे 16 सीटें मिलीं, सोशलिस्ट पार्टी को 12 और 37 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी। भारतीय जनसंघ ने 94 सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन ही सीटें जीतीं।  पहले चुनाव के दौरान कुल 17 करोड़ वोटर थे, लेकिन मतदान सिर्फ 44 फीसदी हुआ था। चुने गए 489 सांसदों में से 391 सामान्य, 72 एससी ओर 26 एसटी जाति से थे। तब मतदान करने की उम्र भी 18 साल नहीं थी। 21 साल से ऊपर के लोगों को ही वोट देने दिया जाता था।