सबसे बड़ा मूर्ख

एक राजा ने अपने मंत्री को सोने का एक डंडा देकर कहा, जो व्यक्ति तुम्हें मूर्ख दिखाई दे उसे दे देना, मंत्री डंडा लेकर चल पड़ा, बहुत तलाश के बाद उसे एक व्यक्ति दिखाई दिया। मंत्री ने उसे मूर्ख समझकर डंडा पकड़ा दिया और बोला, जो तुम्हें अपने से ज्यादा मूर्ख दिखे उसे यह डंडा दे देना। वह व्यक्ति घूमता रहा उसे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला। थक-हारकर वह राजभवन पहुंचा, वहां उसने राजा से मिलने की अनुमति मांगी, संयोगवश अनुमति तुरन्त मिल गई। वह राजा के पास पहुंचा तो देखा कि राजा बीमार है। राजा ने उससे कहा मेरा अंत नज़दीक है। मैं यह दुनिया छोड़कर जा रहा हूं। उस व्यक्ति ने पूछा, आपने जो धन-दौलत इकट्ठा किया तथा युद्ध में लड़ते-लड़ते जो राज्य हासिल किए हैं उन सबका क्या होगा? राजा ने उत्तर दिया ये सब यहीं रहेंगे। यह सुनकर व्यक्ति ने सोने का वह डंडा तुरंत राजा की ओर बढ़ाते हुए कहा संभालिए इसे मुझसे कहा गया था कि इस डंडे को मैं उस व्यक्ति को सौंपू जो मुझसे ज्यादा मूर्ख हो। मेरे ख्याल से आप इसके पात्र हैं, जब आपको पता था कि आपके साथ कोई भी चीज़ नहीं जाएगी तो आपने उन्हें हासिल करने के लिए पूरा जीवन क्यों दांव पर लगा दिया? इस वजह से आपने कई लोगों की जान तक ली। क्या मिला। आपको यह सब हासिल करके? राजा अपने डंडे को देखकर हैरत में पड़ गया। उसने मन ही मन सोचा कि यह वास्तव में सबसे बड़ा मूर्ख है।

— जी. के. खत्री