बढ़ता तापमान 

ग्लोबल वार्मिंग द्वारा दुनिया में  गर्मी सामान्य से दो डिग्री बढ़ गई है। अगर बढ़ते तापमान में कमी न की गई तो सारी दुनिया में मौसमों की उथल-पुथल हो जायेगी। समुद्र के आसपास के नगरों के डूब जाने का खतरा है। खतरनाक बीमारियां बढ़ जायेंगी। फसलों को भारी नुक्सान होगा, पहाड़ और ग्लेशियर जल्दी पिघल जायेंगे और बाद में नदियों में पानी बहुत कम हो जायेगा। पूरे वातावरण में प्रदूषण भरी धुंध छा जायेगी और बड़ी संख्या में लोग मौत का ग्रास बनेंगे। भारत की राजधानी दिल्ली प्रदूषण के मामले में सबसे अग्रणी है। पूरी दिल्ली एक आग की भट्ठी की तरह सुलग रही है। सांस की बीमारियां, चमड़ी की बीमारियां, लीवर की बीमारियां और यहां तक कि कैंसर जैसे भयंकर रोगों का मुख्य कारण यहां का प्रदूषण है, जो कारों और स्कूटरों के सैलाब, ट्रकों का आना-जाना तथा कारखानों से निकलने वाले ज़हरीले धुएं के कारण बेरोक-टोक बढ़ रहा है। इस तरह भारत के अन्य शहर लुधियाना, कानपुर आदि भी इसकी चपेट में हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण वनों को बड़े स्तर पर काटा जाने लगा है।  वनों द्वारा दी जाने वाली आक्सीज़न के भण्डार विलीन हो गए हैं। उनके द्वारा लाई जाने वाली वर्षा बहुत कम हो गई है। पानी के स्रोत एकदम क्षीण हो गए हैं। यदि हमने पर्यावरण को बचाना है तो हम सभी को एक वृक्षारोपण करना चाहिए। हम हफ्ते में एक दिन स्कूटर के बजाय साइकिल का प्रयोग करें। नदियों में जलाशयों में कोई गंदी चीज़ न फैंके। 

-राम प्रकाश शर्मा
-मो. 90419-19382