‘मोदी है तो मुमकिन है’


मोदी सरकार फिर पाँच साल के लिए सत्ता में आ गई।  भाजपा का अबकी बार तीन सौ पार का नारा सच हो गया। एग्जिट पोल भी सही साबित हुए। भाजपा को पिछली बार से ज्यादा सीटें मिली। विपक्षी दल इस बात को  मानकर चल रहे थे कि इस चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में और एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में उभरेगा और उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है पर इतना बड़ा उलटफेर हो जाएगा किसी ने भी नहीं सोचा होगा।
 आम लोगों में भी यह चर्चा का विषय था कि मोदी को हटाना मुश्किल है और लोग यही मानते थे कि आएगा तो मोदी ही। क्योंकि विपक्षी दलों के पास मोदी जैसा कोई नेतृत्व नहीं था। इसके साथ ही सभी विपक्षी दल  मिल कर मोदी को हटाने के लिए नीतियां बनाते रहे और वास्तविक मुद्दों से भटक गए और मोदी को हटाने में कामयाब ना हो सके। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अंदेशा था कि वह अमेठी से हार सकते हैं इसलिए वायनाड चले गए पर देश भर में उनकी पार्टी का इतना बुरा हाल होगा। उन्होंने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा।
 विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दे भी भाजपा का कुछ ना बिगाड़ सके। मोदी ने 2014 का चुनाव यहां मुद्दों पर लड़ा था परंतु 2019 के चुनाव में मोदी सुनामी के चलते सभी मुद्दे इसमें बह गए और 2019 का चुनाव राहुल बनाम मोदी बना दिया गया कि जनता दोनों में से जिसे बेहतर समझे चुन ले। शायद मोदी जानते थे कि जनता किसे चुनने वाली है। 
मोदी ने समूचा चुनाव अपनी छवि के दम पर लड़ा, मोदी ही पार्टी उम्मीदवार का चेहरा बन गए। लगता था कि मोदी ही भाजपा और भाजपा ही मोदी है इसीलिए भाजपा ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा दिया। जनता ने भी मोदी के नेतृत्व को पसंद किया और कांग्रेस को करारी हार दी। कहा जाता था कि पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में भाजपा का कोई वजूद नहीं पर इस चुनाव ने यह बात भी गलत साबित कर दी, यहां तक कांग्रेस ने भाजपा शासनकाल के दौरान यहां जिस राज्य में उप-चुनाव जीते वहां भी उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्या सिंधिया अपनी खुद की सीट भी नहीं बचा पाये। रायबरेली को छोड़ पूरे यूपी से कांग्रेस का खात्मा हो गया। कांग्रेस का तरुप का पत्ता  प्रियंका गांधी भी पार्टी के लिए कुछ खास नहीं कर पायी। कांग्रेस की इतनी बुरी हार और 2019 के चुनाव परिणाम देख कर तो लगता है कि 2024 का चुनाव भी मोदी के नाम ही होगा और भाजपा का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना ज़रूर पूरा होगा क्योंकि ‘मोदी है तो मुमकिन है’।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद देश के सबसे शक्तिशाली और मजबूत प्रधानमंत्री बन कर उभरे हैं। प्रधानमंत्री की देश भर में ही नहीं बल्कि विश्व आलू-प्याज में तेजी का रुख
नई दिल्ली, 4 जून (एजेंसी): सप्लाई कमजोर होने तथा मांग बढ़ने से आलू के भाव 75 रुपए प्रति 50 किलो बढ़ गये। बिकवाली कमजोर होने से प्याज व नींबू में तेजी का रुख।आवक कमजोर होने तथा ग्राहकी निकलने से आलू के भाव 30/75 रुपए बढ़कर यूपी के भाव 200/280 रुपए तथा कोल्ड के भाव 350/600 रुपए प्रति 50 किलो हो गये। 
मंडी में आलू की आवक 60 गाड़ी के लगभग की रही। सप्लाई कमजोर होने तथा घटे भाव पर ग्राहकी निकलने से एमपी के प्याज के भाव 280/300 से बढ़कर 350/500 रुपए तथा राजस्थान के भाव 30 रुपए बढ़कर 280/320 रुपए प्रति 40 किलो हो गये। प्याज की आवक 58 गाड़ी के लगभग की रही। स्तर पर भी स्वीकार्यता बढ़ी है। आज दुनिया के शक्तिशाली देशों के प्रमुख मोदी के प्रशंसक बन गये हैं। लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिला प्रचंड बहुमत यही दर्शाता है कि देश में मोदी की लोकप्रियता इतनी ज्यादा है। उनके सामने सभी पार्टियां धराशायी हो गईं। देश के लोगों को भी मोदी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। 
-मो. 97790-39977