नंगल भाखड़ा : खूबसूरत शहर... खूबसीरत लोग

 देव भूमि हिमाचल प्रदेश की सीमा के साथ सटा पंजाब का खूबसूरत शहर नंगल प्रकृति ने अपने हाथों से शृंगारा है। सतलुज झील के तट पर बसे इस छोटे से शहर की जनसंख्या 42000 के लगभग है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को नंगल के साथ अत्याधिक प्रेम था। पंडित नेहरू ने नंगल-भाखड़ा परियोजना में बहुत ज्यादा दिलचस्पी ली और नेहरू जी 1948 - 1963 के बीच 13 बार नंगल आए। पंडित नेहरू की बदौलत ही नंगल में देश का सर्वप्रथम हैवी वाटर प्लांट लगा, दुर्भाग्यवश यह हैवी वाटर प्लांट निजीकरण के आगमन के बाद तोड़ दिया गया। नंगल उर्वरक संयंत्र भी पंडित नेहरू की देन है। पंडित नेहरू ने भाखड़ा डैम के लिए बहुत ही सुंदर शब्द इस्तेमाल किए थे ‘आधुनिक भारत का नवीन मंदिर।’ पंडित नेहरू व चीन के प्रेज़ीडैंट चाउ. एन.ली. के बीच ऐतिहासिक पंचशील समझौता भी नंगल के शीशा घर में 28-04-1954 को हुआ था। अमरीकन इंजीनियर एम. एच. सलोकम के नेतृत्व में भाखड़ा डैम का निर्माण हुआ जिसमें (1948-1963 ) तक 30 विदेशी विशेषज्ञों, 300 इंजीनियरों, 13000 श्रमिकों ने दिन रात कार्य किया। भाखड़ा डैम का निर्माण करते समय 300 मज़दूरों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। नंगल, नंगल भाखड़ा डैम के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली नंगल भाखड़ा नि:शुल्क रेल के कारण भी प्रसिद्ध है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड द्वारा संचालित इस अनोखी व नि:शुल्क रेल में भाखड़ा डैम के निर्माण के समय मशीनरी, सामान व श्रमिकों की ढुलाई की जाती थी। आजकल इस रेल में कर्मचारी, स्थानीय लोग व पर्यटक यात्रा करते हैं। यह रेल सुबह 7.05 बजे व दोपहर 3.05 बजे भाखड़ा डैम के लिए रवाना होती है। सुबह चलने वाली रेल 9 बजे व दोपहर को चलने वाली रेल सायं 5 बजे नंगल लौट आती है।   आम रेलों से उलट इस रेल में कोई भिखारी, चैकर, कोई धक्कम पेल नहीं होती । सुरक्षा कारणों के कारण सरकार ने भाखड़ा डैम के भीतरी भाग पर्यटकों के लिए बंद कर दिए हैं। पर्यटक रेल द्वारा खूबसूरत गांव ओलिंडव व नेहला जा सकते हैं। नेहला, बिलासपुर जिले का छोटा-सा ग्राम है व यहां के दिलकश झूला पुल पर घूमने का अपना ही मजा है। नेहला के रोशन लाल की टी. स्टाल पर मिलती तुलसी अदरक की चाय की बात ही और है। भाखड़ा डैम देखने के लिए जन सम्पर्क कार्यालय से हर रोज़ सुबह 8 से 3.20 तक वाईट परमिट जारी किया जाता है।  इस परमिट से भाखड़ा डैम को नंगल-नयना देवी मार्ग से एक तरफ खड़े होकर देखा जा सकता है। जनसम्पर्क कार्यालय का टैलीफोन नम्बर 01887-223056 है। यहां से अग्रिम जानकारी ली जा सकती है। भाखड़ा डैम की विशाल झील 65 वर्ग मील क्षेत्र में फैली  है व इसमें 7.8 मिलियन एकड़ फीट पानी का भंडार करने की क्षमता है। भाखड़ा डैम की कत्ला मछली अपने अनूठे जायके के कारण प्रसिद्ध है। घुमक्कड़ पर्यटक व प्री वैड शूट वाले, स्माइल सोहणे गोबिंद सागर के पास बसे ग्रामों पुरोहियां, रायपुर मैदान, कोलका, बीहड़ू जरूर जाते हैं। भाखड़ा डैम के खिसकते ढाबे भी पर्यटकों का स्वागत करते हैं। छन्न में चलते इन ढाबों में साग, मक्की की रोटी, कढ़ी व चाय मिलती है। इनको खिसकते ढाबे इस लिए कहा जाता है क्योंकि मौसम व झील के पानी के उतार-चढ़ाव से इनकी जगह बदलती रहती है। नंगल से पर्यटक गरीब नाथ मंदिर भी जाते हैं जो ग्राम रायपुर मैदान में झील के तट पर स्थित है।  नंगल डैम की सतलुज झील को अक्तूबर मार्च तक चार चांद लग जाते हैं। इन दिनों रूस, यूक्रेन, चीन, कजाकिस्तान, अफगानिस्तान आदि से हज़ारों प्रवासी पक्षी आते हैं। गुरु गोबिंद सिंह की चरण स्पर्श प्राप्त गुरुद्वारा व गुरुद्वारा घाट साहिब भी पर्यटकों में बहुत मकबूल है। ब्रम्होती मंदिर देखने के लिए भी दूरदराज से लोग आते हैं। आतंकवाद के समय भी शांत रहे लोग बहुत शालीन स्वभाव के है। चण्डीगढ़ के बाद नंगल ही पंजाब का सबसे सर्वाधिक साक्षरता वाला शहर है। पंजाब का स्विटजरलैंड है नंगल। सरकार इस तरफ ध्यान दे तो यह सैरगाह और भी  महत्वपूर्ण बन सकती है। नंगल भाखड़ा देखने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। भाखड़ा डैम व नंगल डैम क्षेत्र में सरकार ने सुरक्षा कारणों से फोटोग्राफी करने पर पाबंदी लगा रखी है। 

नंगल भाखड़ा डैम रोड-140124
मो. 9815624927