केन्द्र द्वारा जारी नियमों के कारण पंजाब की कर्ज़ लिमिट काफी घटी

चंडीगढ़, 12 जून (हरकवलजीत सिंह ) : केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के लिए मार्किट में कर्जा उठाने व  लगाए गए नए प्रतिबंध  का मुद्दा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह नीति आयोग की 15 जून को दिल्ली में हो रही बैठक दौरान उठाएंगे, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की जा रही है। सूचना अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को एक पत्र लिख कर राज्यों द्वारा मार्किट में से कर्जा उठाने संबंधी केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा बनाई गई नीति से जागरूक करवाया गया, जिसके अनुसार राज्य सरकार वर्ष में 17, 432 करोड़ रुपए का मार्किट में से कर्जा उठा सकेगी लेकिन इस के लिए शर्र्त यह होगी कि राज्य सरकार यह कर्ज 4 किश्तों में प्रत्येक तिमाही में 4358 करोड़ के हिसाब से चुकाएगी व जिस तिमाही में सरकार ज़रुरत न होने के कारण कम कर्जा उठाएगी वह अगली तिमाही में ट्रांसफर नहीं हो सकेगा नए नियम लागू होने से जहां राज्यों की कर्ज लिमट में काफी कमी आ गई है, वहां राज्य अपनी कर्ज लिमिट को वितीय वर्ष के आखिरी महीनों के लिए भी ट्रांसफर नहीं कर सकेगा, जबकि सरकार को सख्त वितीय मुश्किलों का सामाना करना पड़ता है। सूचना अनुसार राज्य सरकार द्वारा केन्द्र से यह मांग करने का निर्णय किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा 12,639 करोड़ का जो कर्ज वापिस किया जा रहा है उसके बीच ब्याज की राशि को कज़र् लिमिट में शामिल किया जाना चाहिए। सूचना अनुसार वित मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा एस मुद्दे पर केन्द्रीय वित मंत्री को एक पत्र भी लिख्रा गया है। नीति आयोग की 15 जून को होने वाली मींटिग में मुख्यमंत्री इस मुद्दे को उठाएंगे व केन्द्र से किसानों की कर्ज मांफी स्कीम के लिए भी वितीय मदद की मांग करेंगे क्योंकि किसानों की कर्ज माफी स्कीम के लिए भी राज्य सरकार अब तक बैकों से कोई 5 हज़ार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की खस्ता हालत को मुख्य रखते व सीमावर्ती प्रदेश होने के कारण राज्य की सुरक्षा ज़रुरत व सीमा से पार आने वाले नशे से निपटने के लिए प्रदेश को विशेष वित्तीय पैकेज देने की मांग उठाई जाएगी। जी.एस.टी के कारण  राज्य के राजस्व को हुए नुक्सान की भरपाई जो केन्द्र ने केवल 5 वर्ष के लिए मानी है राज्य सरकार उस को और आगे बढ़ाए जाने का मांग रखेगी।