अधिक पानी छोड़ने का फैसला सभी भागीदार राज्यों की सहमति से हुआ : कैप्टन

चंडीगढ़, 13 जून (अ.स.): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सुखपाल सिंह खैहरा द्वारा राज्य की नहरें सूखी होने तथा सरकार द्वारा पाकिस्तान को पानी छोड़ने के आरोपों को रद्द करते हुए कहा है कि हिफाज़ती कदमों के रूप में अधिक पानी छोड़ा जा रहा है ताकि सतलुज व ब्यास दरिया के क्षेत्रों में बाढ़ से बचा जा सके। पी.ए.पी. के प्रमुख के आधारहीन आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने इनको राजनीतिक हितों से प्रेरित बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक पानी को छोड़ने का फैसला हिफाज़ती कदमों के रूप में नियमित ढंग से टैक्नीकल कमेटी की 28 मई, 2019 को हुई बैठक में किया गया। इसमें सभी भागीदार राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि बैठक दौरान आम सहमति से यह विचार सामने आया कि इस समय स्पष्ट तौर पर अधिक पानी है तथा अधिक पानी को जारी कर तथा इसके साथ ही बिजली उत्पादन का लाभ प्राप्त करने के लिए इसको फायदेमंद ढंग से प्रयोग करने का उचित समय होगा। यदि ऐसा न किया जाता व बाद में अधिक पानी सपिलवे द्वारा छोड़ दिया जाता तो वह न केवल ़फज़ूल चला जाता बल्कि इससे सतलुज व ब्यास दरियाओं के साथ लगते क्षेत्रों में बाढ़ों से नुक्सान भी होता। उन्होंने कहा कि यह अधिक पानी छोड़ने के परिणाम के रूप में राज्य में पानी की कोई कमी नहीं है। खैहरे द्वारा 15000 से 20000 क्यूसिक पानी छोड़े जाने के किए आधारहीन दावे के उल्ट कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछले 24 दिनों से फिरोज़पुर हैडवर्क्स से पाकिस्तान को 8700 सीज औसतन पानी रोज़मर्रा के आधार पर छोड़ा गया है तथा इस संबंध में नियमित तौर पर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।