कैप्टन-सिद्धू विवाद को हल करने की कोशिशों में आया ठहराव

चंडीगढ़, 14 जून (हरकवलजीत सिंह): मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा अपने मंत्रियों के विभागों में किए गए फेरबदल को लेकर कैबिनेट मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अपने नए बिजली विभाग का कामकाज न सम्भाले जाने व मुख्यमंत्री द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी द्वारा स. नवजोत सिंह सिद्धू की नाराज़गी दूर करने संबंधी मुख्यमंत्री से की गई बातचीत को बूर न पड़ता देख कांग्रेस हलकों में इस बात को लेकर बड़ी चिंता है कि यह मुद्दा कहीं पार्टी हाईकमान व मुख्यमंत्री के बीच टकराव का कारण न बन जाए। मुख्यमंत्री का स्टैंड है कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल उनका वैधानिक अधिकार है तथा सरकार के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाने के लिए वह ऐसा फेरबदल कभी भी करने का अधिकार रखते हैं। मुख्यमंत्री जिनका आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम था तथा उन्होंने आज रात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सभी कांग्रेस मुख्यमंत्रियों व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए रखे रात के भोजन में शिरकत करना था जिससे पहले उनकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के साथ भी बैठक थी जिनको कैप्टन-सिद्धू विवाद हल करने की ज़िम्मेवारी दी गई है। मुख्यमंत्री कल प्रधानमंत्री द्वारा ली जा रही नीति अयोग की बैठक में भी शिरकत करनी थी लेकिन आज प्रात: मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम स्वास्थ्य ठीक न होने का कारण बताकर रद्द कर दिया तथा वित्त मंत्री स. मनप्रीत सिंह बादल को इस अहम बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व करने की ज़िम्मेवारी सौंपी लेकिन मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे का कार्यक्रम रद्द होने से स. नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दे के हल संबंधी मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बातचीत एक बार फिर आगे पड़ गई जबकि स. सिद्धू इस बात पर अड़े हुए हैं कि वह उक्त मसले के हल के बिना वह मंत्री का दोबारा कामकाज नहीं सम्भालेंगे। उनके द्वारा यह भी कहा गया है कि वह 2-3 दिन और इंतज़ार करने के बाद अपना फैसला लेने के लिए मजबूर होंगे। हालांकि इस बात में कोई संदेह नहीं कि कांग्रेस हाईकमान स. नवजोत सिंह सिद्धू व मुख्यमंत्री के साथ लगातार सम्पर्क में है लेकिन दोनों पक्षों द्वारा कड़ा स्टैंड होने के कारण यह मुद्दा एक तरह से डैडलाक में बदल गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांदी जोकि गत कुछ दिनों से लंदन गए हुए हैं, की 16 जून को देश वापसी की सम्भावना है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री को 17 जून को दिल्ली बुलाया जाए ताकि इस मसले से निपटा जा सके।