पंजाब की कृषि प्रवासी मज़दूरों पर निर्भर

बमियाल, 15 जून (राकेश शर्मा): जिस समय से प्रवासी मज़दूरों द्वारा पंजाब में खेत मज़दूरी का काम शुरू किया गया है। उसके बाद ही पंजाब की कृषि प्रवासी मजदूरों पर निर्भर हो चुकी है, जिसके चलते पंजाब के किसान आज धान की फसल की रोपाई के लिए प्रवासी मज़दूरों की मिन्नतें कर रहे हैं। किसानों को फसल में देरी होने का डर इस कद्र सता रहा है कि पंजाब में पहुंचने वाले प्रवासी मज़दूरों की तलाश के लिए किसान रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। प्रवासी मज़दूरों द्वारा विभिन्न तौर पर अपने किसान निर्धारित किए हुए हैं और वह हर वर्ष एक किसान के पास आते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र बमियाल के किसान जगदेव सिंह का कहना है कि मज़दूर न मिलने के कारण एक प्रवासी मज़दूर को फोन कर आने के लिए कहा गया परंतु प्रवासी मजदूर का कहना था कि मेरे पास 15 आदमियों का ग्रुप उपलब्ध है परंतु हमारे पास पंजाब आने के लिए किराया नहीं है। किसान का कहना है कि मजबूरन प्रवासी मजदूर के खाते में 10 हज़ार रुपए जमा करवाए हैं और पंजाब आने के लिए अपील की जा रही है ताकि समय पर धान की रोपाई की जा सके। प्रवासी मज़दूरों की मज़दूरी के दाम बढ़ रहे हैं। किसान बस अड्डे व रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर प्रवासी मजदूरों को 2600 रुपए प्रति एकड़ से लेकर 3200 रुपए प्रति एकड़ की आफर दे रहे हैं और कुछ मज़दूर यह राशि एडवांस भी ले रहे हैं।