‘नकली अंडे’ की अफवाह से पोल्ट्री फार्म कारोबार प्रभावित

तरनतारन, 17 जून (हरिन्द्र सिंह): देश व राज्य सरकारों की गलत नीतियों व पोल्ट्री कारोबार प्रति अपनाई लापरवाही के कारण पंजाब में से पहले ही समाप्त हो रही पोल्ट्री फार्म इंडस्ट्री को मार्किट में ‘नकली अंडे’ की दहशत ने झिंझोड़ कर रख दिया है। इस समय भारत ही नहीं एशिया की पोल्ट्री मंडी के रूप में मानी जाती ज़िला तरनतारन का पोल्ट्री फार्म का कारोबार पूरी तरह बंद हो चुका है, जो थोड़ा बहुत मुर्गी खाने का कारोबार चल रहा है, वह भी अंतिम सांसों पर है। सोशल मीडिया पर ‘नकली अंडे’ बनाए जाने पर फैली अफवाहें पोल्ट्री फार्म का कारोबार करने वालों के लिए बड़ी मुसीबतें बनकर सामने आ रही हैं। 
2 करोड़ के लगभग रोज़ाना पैदावार होती है पंजाब में :
पंजाब के विभिन्न ज़िलों में मौजूद पोल्ट्री फार्मों में रोज़ाना 2 करोड़ के लगभग अंडों की पैदावार होती है। इनमें से 40 लाख के लगभग अंडा पंजाब से बाहर जम्मू-कश्मीर, यू.पी. व बिहार आदि में जाता है, जबकि शेष 1 करोड़ 60 लाख अंडों की बिक्री पंजाब में होती है। नकली अंडे की दहशत से इस बिक्री पर पूरा असर देखने को मिल रहा है।
पट्टी व गग्गोबूहा के मुर्गी फार्म एशिया की रही है बड़ी मंडी :
ज़िला तरनतारन में लगभग 25 वर्ष पहले पट्टी व गग्गोबूहा कस्बा पोल्ट्री फार्म की हब के रूप में जाना जाता था तथा यह क्षेत्र एशिया की पोल्ट्री सबसे बड़ी पोल्ट्री मंडी के रूप में प्रसिद्ध था। पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के प्रतिनिधि व पोल्ट्री का लम्बे समय से काम करने वाले जोध सिंह भंडारी का कहना है कि पहले ज़िला तरनतारन में 12 लाख से अधिक मुर्गियां पाल कर अंडे का कारोबार किया जाता था। विभिन्न सरकारों की लापरवाही के कारण यह आंकड़ा अब केवल 3 लाख के लगभग रह गया है। 
अंडा कभी भी नकली तैयार नहीं किया जा सकता : भंडारी :
लम्बे समय से पोल्ट्री फार्म का कारोबार करने वाले जोध सिंह भंडारी का कहना है कि अंडा कभी नकली नहीं बनाया जा सकता। तिड़का अंडा शीघ्र खराब हो जाता है। लोग वहम दूर करने के लिए किसी भी लैबोरेटरी से अंडे टैस्ट करवा सकते हैं। हर अंडे में एक झिल्ली होती है तथा वह जब सूख जाती है तो उस झिल्ली को नकली अंडे होने का नाम देना गलत है।
अंडों के सैम्पल टैस्ट के लिए भेजे गए :
डा. पन्नू : स्वास्थ्य विभाग के सहायक फूड कमिश्नर डा. गुरप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि उनको नकली अंडे होने संबंधी शिकायत मिली है, जिसके आधार पर कई मालों में अंडों के सैम्पल लेकर इसकी जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित स्वास्थ्य विभाग का लैबोरेटरी में भेज दिए गए हैं।