भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई- 15 अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति

नई दिल्ली 18 जून (वार्ता) : सरकार ने केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त और उपायुक्त स्तर के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। सरकार ने पिछले सप्ताह आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी। सूत्रों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और कुछ मामलों में अभी भी जांच चल रही है। इसके मद्देनजर इन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।  सरकार ने जिन 15 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी पर उन पर कंपनियों से वसूली और कर चोरी आदि से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप है। जिन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है उनमें दिल्ली में पदस्थ प्रधान आयुक्त अनूप श्रीवास्तव, निलंबित आयुक्त अतुल दीक्षित, आयुक्त संसार चंद (कोलकाता), आयुक्त जी श्री हर्षा (चेन्नई), निलंबित आयुक्त विनय ब्रिज (चेन्नई), आयुक्त अशोक आर. महिद्रा (कोलकाता), पदस्थ अतिरिक्त आयुक्त विरेन्द्र कुमार अग्रवाल (नागपुर), पदस्थ अमरेष जैन, निलंबित संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार, निलंबित सहायक आयुक्त एस.एस. पबना (दिल्ली),  सहायक आयुक्त एस एस पबना के विरूद्ध राजस्व खुफिया निदेशालय की जांच चल  रही है। भुवनेश्वर में पदस्थ सहायक आयुक्त एस एस बिष्ट (भुवनेश्वर) पदस्थ सहायक आयुक्त विनोद कुमार सांगा (मुंबई) पदस्थ अतिरिक्त आयुक्त राजू सेकर (विशाखापत्तनम) पदस्थ उपायुक्त अशोक कुमार असवाल (दिल्ली) व पदस्थ सहायक आयुक्त मोम्मद अल्ताफ पर भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं।