भीड़ तंत्र को नकेल डाले सरकार

मोदी सरकार द्वारा दूसरी बार अपनी पारी शुरू करने के समय झारखंड में लोगों के एक हज़ूम द्वारा तबरेज़ अंसारी नाम के एक युवक को पीट-पीट कर अधमरा करने और कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो जाने ने जहां सरकार के समक्ष एक और नई स्थिति ला खड़ी की है, वहीं आगामी समय में यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। गत लम्बे समय से देश भर में ऐसे घिनौने कृत्य अनेक बार हो चुके हैं। जब लोगों की भीड़ द्वारा किसी न किसी बहाने व्यक्ति को जान से मार दिया जाता है। ऐसी घटनाएं कई बार अधिक तूल पकड़ लेती हैं। 
कई बार ऐसा कुछ गौ-रक्षा के नाम पर गौ-रक्षकों द्वारा किया जाता है। यदि ऐसे पशुओं को किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया भी जाता है तो अफवाह के आधार पर एकत्रित हुई भीड़ द्वारा ऐसे वाहनों पर हमला करके वाहन चलाने वालों को बुरी तरह मारा-पीटा जाता है। कई बार तो ऐसे भयानक कृत्य इसलिए भी हो जाते हैं कि लोगों में यह अफवाह फैला दी जाती है कि किसी घर में गौ-मांस पड़ा है। परन्तु ऐसे कृत्य करने वालों के विरुद्ध की गई ढीली कार्रवाई से डर और गुस्से का माहौल बढ़ जाता है। ऐसा माहौल घृणा को जन्म देता है, जिसके अक्सर नकारात्मक परिणाम समाज को देखने पड़ते हैं। देश भर में ऐसी घटनाओं के कई बार होने के कारण देश के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में चिंता का इज़हार किया था। उसने कुछ महीने पूर्व देश भर के राज्यों को इस संबंध में पूरी तरह हिदायत दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने भीड़ तंत्र द्वारा ऐसे कृत्य करने की घटनाओं का स्वयं संज्ञान लेते हुए हर हाल में ऐसी हिंसा पर काबू पाने और इसके लिए योजनाबंदी करने तथा उसको सख्ती से लागू करवाने के बारे में लिखा था और यह भी कहा था कि इस संबंध में आज तक कड़े और ठोस प्रबंध नहीं किए जा सके। ऐसे कृत्यों के लिए पुलिस को भी खास तौर पर दिशा-निर्देश देने सुनिश्चित बनाने के लिए कहा था। 
ताज़ा घटनाक्रम झारखंड में हुआ। यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें भीड़ तंत्र द्वारा लोगों को निशाना बनाया जाता रहा है। एक समाचार के अनुसार गत समय के दौरान इसी राज्य में अब तक 12 लोगों को भीड़ तंत्र की हिंसा का शिकार होना पड़ा है, जिसमें 10 मुसलमान और दो कबायली व्यक्ति थे। जिस तरह मौजूदा घटनाक्रम हुआ, वह भी ऐसी दिशा और लोगों में पनप चुकी एक खास मानसिकता को प्रकट करता है। 17 जून की रात को मोटरसाइकिल चोरी करने के सन्देह पर झारखंड के सरायकेला ज़िले के खुरसावन नाम के एक गांव में तबरेज़ अंसारी नामक एक लड़के को लोगों द्वारा रात के समय खम्भे से बांध कर उसकी बुरी तरह पिटाई किए जाने की सामने आई वीडियो में भीड़ तवरेज़ को जय श्री राम और जय हनुमान के बार-बार नारे लगाने के लिए मजबूर करती नज़र आ रही है और साथ ही उसको पीट भी रही है। दूसरे दिन सुबह अधमरी हालत में उसको पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। पुलिस उसको अस्पताल भेजने की बजाये हवालात में बंद कर देती है। चौथे दिन उसकी हालत अधिक खराब होने पर उसको अस्पताल भेजती है, जहां उसकी मौत हो जाती है। नि:संदेह नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण ऐसा कार्य है, जिसको गम्भीरता से लेकर इस समस्या को हल करना आवश्यक बन गया है। लोगों में पनप रही ऐसी मानसिकता के बारे में यदि सरकार ने गम्भीर संज्ञान लेते हुए स्पष्ट और कड़ा संदेश न दिया तो समाज में और भी नफरत फैलने के आसार बन जाएंगे। 
भारतीय परम्पराओं, सभ्याचार और देश का संविधान भीड़ तंत्र द्वारा ऐसा कुछ करने की कदापि अनुमति नहीं दे सकता। सर्वोच्च न्यायालय तथा अन्य न्यायालय इसका पहले ही कड़ा संज्ञान ले चुके हैं। सरकार को भीड़ तंत्र की ऐसी घातक मानसिकता को रोकने के लिए पुन: कड़े कानून बनाने होंगे, जो ऐसे कृत्य करने वालों के मनों में डर पैदा करने में सहायक हों। मोदी सरकार भविष्य में ऐसा संदेश देने में सक्षम होगी, इसकी हम पूरी उम्मीद करते हैं।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द