डेरा प्रमुख को पैरोल देने पर दुविधा में खट्टर सरकार

राम सिंह बराड़
चंडीगढ़, 25 जून  : डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने के मामले में हरियाणा सरकार दुविधा में है। गुरमीत ने खेती करने के लिए 6 हफ्ते की पैरोल दिए जाने की रोहतक जेल प्रशासन को अर्जी दी थी। यह अर्जी रोहतक जेल प्रशासन ने सिरसा के डीसी व एसपी को भेजकर उस पर उनकी रिपोर्ट मांगी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा प्रमुख द्वारा मांगी गई पैरोल को लेकर सरकार पशोपेश में है। सरकार डेरा प्रमुख को भी विधानसभा चुनाव से पहले पैरोल से इंकार करके डेरा समर्थकों को नाराज़ भी नहीं करना चाहती और पैरोल देकर कोई ऐसी दुविधा में नहीं पड़ना चाहती जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर कोई बड़ा संकट खड़ा हो जाए। सरकार को खुफिया एजेंसियों से मिल रही सूचनाओं के अनुसार यह माना जा रहा है कि पैरोल मिलने के बाद अगर गुरमीत वापस जेल न लौटे तो सरकार के पास उसे वापस जेल में लाने के लिए काफी दिक्कतें खड़ी हो सकती है। गुरमीत राम रहीम को मिलने वाली पैरोल में एक बड़ा पेंच यह फंस गया है कि डेरा प्रमुख ने खेती करने के लिए पैरोल मांगी है और गुरमीत राम रहीम के नाम पर सिरसा में कोई जमीन नहीं है। ज़मीन डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम पर है। इस बारे में तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और डीसी और एसपी अपनी रिपोर्ट बनाकर कमिश्नर रोहतक को भेजेंगे और वे तय करेंगे कि गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जाए या न दी जाए। 
फोन सुविधा मिल गई थी : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा प्रमुख को अपने परिवार के साथ फोन पर बात करने की सुविधा दे दी गई थी। यह सुविधा पूरे प्रदेश के सभी कैदियों को मिली हुई है और इसे जेल की भाषा में पीसीओ सुविधा कहा जाता है।