स्मार्ट कार्ड योजना के लिए लाभपात्रों की जांच का काम शुरू

जालन्धर, 25 जून (शिव शर्मा): राज्य सरकार ने राशन देने के लिए पुराने नीले रंग के राशन कार्डों को रद्द करने के बाद अब नए बनने वाले स्मार्ट कार्ड योजना के लिए ‘गरीब लाभपात्रों’ के नामों की जांच करने का काम शुरू करवा दिया है क्योंकि यह समझा जा रहा है कि अब राज्य सरकार द्वारा अगली दी जाने वाली गेहूं स्मार्ट कार्ड के ज़रिये ही दिए जाने की सम्भावना है। राज्य सरकार द्वारा नीले रंग के राशन कार्डों पर भी 6-6 माह की इकटठी 2 किलो वाली गेहूं दी जाती है। राज्य सरकार ने पुराने नीले रंग के वह राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं जोकि अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा तैयार किए गए थे। इन कार्डों पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पूर्व मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों की तस्वीरें लगी हुई थीं। कांग्रेस नेता लम्बे समय से मांग करते रहे हैं कि उक्त तस्वीरों वाले राशन कार्ड बंद किए जाएं। राज्य सरकार ने अब फैसला कर नीले रंग के राशन कार्ड बंद कर दिए हैं और नए बनाए जाने वाले स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए जो फार्म भरे थे, उनकी जांच करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग ने कुछ समय पहले स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए बाकायदा विधायकाें को बनते फार्म दे दिए थे परंतु चर्चा तो यह भी है कि नीले रंग के कार्डों पर जब गेहूं दी जाती थी तो उस समय 35 लाख के करीब परिवारों को यह राशन दिया जाता था।  स्मार्ट कार्ड के लिए जो फार्म भरकर आनलाइन किए गए हैं, उनकी जांच का काम शुरू कर दिया गया है और इसलिए तारीखें तय कर दी गई हैं, वैसे इस स्कीम के तहत पहले सभी राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। पटवारी, बीडीपीओ, कार्यकारी अधिकारी या उसके प्रतिनिधि 5 जुलाई 2019 तक लाभपात्रों की सूची की जांच कर देने के लिए कहा गया है जबकि ज़िला खाद्य एवं आपूर्ति कंट्रोलर द्वारा लाभपात्रों की सूचियोें की मुकम्मल जांच के लिए 15 जुलाई को उक्त अधिकारी द्वारा लाभपात्रों की सूचियों को वैबसाइट पर अपलोड करने के लिए 30 जुलाई तक का समय दिया गया है।