पंजाब में थानेदारों की संख्या बढ़ी

गुरदासपुर, 26 जून (दीपक मोदी): पंजाब पुलिस विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों को खुश करने और उसकी निभाई सेवा को मुख्य रखते हुए वर्ष 2017 में एक पालिसी बनाई गई थी जिसके तहत जिस भी कर्मचारी की सेवा 24 वर्ष की पूरी हो जाती है तो उसे हवलदार से एएसआई बना दिया जाता है। पालिसी के अनुसार तरक्की प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को केवल एक रैंक दिया जा रहा है परंतु वेतन में न तो कोई वृद्धि व न ही कोई इंक्रीमैंट दी जा रही है बल्कि वह पहली तैनाती वाले रैंक का ही वेतन ले रहे हैं। स्टार लगने से कर्मचारी की वर्दी की शान तो बढ़ गई है परंतु उनकी जेब का बोझ नहीं बढ़ा। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 दौरान ज़िला पुलिस के नम्बरों में से 13004 व पी.ए.पी. के नम्बरों में से 1313 कर्मचारियों को तरक्की देकर हवलदार से एएसआई बनाया गया है। ऐसा करने से पंजाब भर के थानों व चौकियों में अब हालात यह बन गए हैं कि जहां पहले एक या दो एएसआई होते थे, वहां अब सभी कर्मचारी एएसआई बन गए हैं और एक-दो ही सिपाही बचे हैं। यहां तक कि गाड़ियों के चालक, अरदली, डाक लेकर जाने वाले सभी एएसआई  बनकर ड्यूटी निभा रहे हैं। यह भी देखने में आया है कि अरदली की सेवा करने वाले कर्मचारियों की तरक्की होने पर वह एएसआई तो बन गए हैं परंतु अभी भी वह कार्यालयों में चाय-पानी पिलाने का ही काम कर रहे हैं जिससे वर्दी की शान कम हो रही है। पालिसी के अनुसार हर वर्ष 24 वर्ष पूरे करने वाले सिपाही या हवलदार को तरक्की दे दी जाती है जिससे कार्यालयों व थानों में सिपाहियों की संख्या कम हो गई है और इससे कार्यालयों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं जबकि तरक्की प्राप्त एएसआई अभी भी सिपाही की ड्यूटी निभा रहे हैं। परंतु कुछ कर्मचारी एएसआई का रैंक मिलने के बाद सिपाही की ड्यूटी करना वर्दी की शान के उलट समझते हैं। ऐसे हालात हैं कि चौकियों  में 4 से 5 एएसआई हैं परंतु सिपाही एक या दो हैं। सरकार द्वारा बनाई गई इस पालिसी के तहत तरक्की प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को आर्थिक तौर पर कोई भी लाभ नहीं मिल रहा। अर्थात् एएसआई की वर्दी तो डाल ली है परंतु वेतन अभी भी उतना ही है जोकि समय की सरकारों की नाकामी का सबूत है। 
वेतन में वृद्धि न करने व बनाई गई पालिसी के अनुसार सरकार द्वारा कर्मचारियों से राजनीतिक व्यवहार किया जा रहा है। सरकार यह बात कहकर किनारा कर रहे हैं कि हम कर्मचारियों को तरक्की दे रहे हैं परंतु दूसरी ओर अपने खज़ाने पर पड़ने वाले बोझ को बिना वेतन बढ़ाये ही बचा रही है।
पंजाब के थाने सिपाहियों से वंचित
पंजाब पुलिस की एक पालिसी के अनुसार दो वर्ष में पुलिस विभाग में हुए स्थानीय रैंक के एएसआई की तरक्कियों से पंजाब भर के थाने सिपाही व हवलदार के रैंक से वंचित हो गए हैं। थानों के अंदर तैनात सिपाही व हवलदार की 24 वर्ष की सेवा पूरी होने पर उन्हें दी जाने वाली तरक्की से वह एएसआई बन गए हैं। इससे थानों में होने वाले कार्यालय कामकाज सिपाहियों व हवलदारों की कमी के कारण प्रभावित हो रहे हैं। निचले स्तर पर होने वाले कामकाज में सिपाहियों की कमी होने के कारण सिपाहियों के काम भी अब थानेदार करने के लिए मजबूर हैं।