बिजली की मांग बढ़ने से निगम ने दो ताप घरों के 9 यूनिट किए चालू

पटियाला, 30 जून (अ.स.): पंजाब में इस समय धान की रोपाई अंतिम चरण पर है। इस समय पंजाब में धान की रोपाई के कारण बिजली निगम की बिजली प्रणाली पर 6 हज़ार मैगावाट से अतिरिक्त का भार पड़ा है। पंजाब में इस समय बिजली की खपत 12339 मैगावाट पर पहुंची हुई है। इस समय बढ़ी हुई बिजली की मांग के कारण पंजाब बिजली निगम को अब अपने दो ताप बिजली घर जिनमें गुरु गोबिन्द सिंह सुपर ताप बिजली घर के 6 में से 5 और गुरु हरगोबिन्द साहिब ताप बिजली घर के 4 यूनिट चालू कर दिए गए हैं। बिजली निगम के आंकड़े बताते हैं कि बिजली निगम के अपने ताप बिजली से 1486 मैगावाट बिजली पैदा की जा रही है। इसमें रोपड़ में से 757 और लहरा मुहब्बत से 729 मैगावाट बिजली पैदा हो रही है। बिजली निगम का तीसरा ताप बिजली घर बठिंडा में इस समय बंद किया हुआ है। यदि ताप बिजली घरों के उत्पादन पर नज़र दौड़ाई जाए तो उनमें से 3528 मैगावाट बिजली पैदा हो रही है। इस समय राजपुरा के नलास ताप बिजली घर के दो यूनिटों में से 1324 मैगावाट, तलवंडी साबो एवं वणावाली ताप बिजली घर के तीन यूनिटों में से 1697 मैगावाट और जीवीके ताप बिजली घर गोइंदवाल साहिब के 2 यूनिटों से 507 मैगावाट बिजली पैदा की जा रही है। यदि पंजाब के पनबिजली घरों से इस समय 852 मैगावाट बिजली पैदा की जा रही है। इस समय रणजीत सागर डैम के 3 यूनिटों में से 368 मैगावाट, अपरबारी दोआब कैनाल पनबिजली घर के एक यूनिट में से 45 मैगावाट, मुकेरियां पन बिजली के एक यूनिट में से 215 मैगावाट, आनंदपुर साहिब पन बिजली घर के 2 यूनिटों में से 118 मैगावाट बिजली पैदा हो रही है। यदि नए योग्य स्रोतों के बिजली उत्पादन पर नज़र दौड़ाई जाए तो इस समय पंजाब में लगे सौर ऊर्जा के बिजली प्रोजैक्टों से 394 मैगावाट और गैर सौर ऊर्जा के प्रोजैक्टों से 35 मैगावाट बिजली प्राप्त हो रही है। बिजली निगम के एक वक्ता ने कहा कि इस समय बिजली की खपत इस समय शिखर पर है। सारे किस्म के खपतकारों को चाहिए कि वह संयम से कार्य लें। प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज है कि वह अपने तौर पर ही बिजली की बचत करें।