नींद न आना, परेशानी का सबब

प्रकृति ने रात्रि आराम करने के लिए बनाई है ताकि दिन भर की भाग-दौड़ के बाद रात में सोकर आप अपनी थकान से छुटकारा पा सकें और अगले दिन पुन: परिश्रम करने के लिए ऊर्जा प्राप्त कर सकें पर आजकल युवा पीढ़ी रात्रि में ठीक से नींद न आने की समस्या की गिरफ्त में तेजी से बढ़ रही हैं। इसके पीछे शारीरिक श्रम का अभाव,कार्यस्थल पर तनाव,नई तकनीक से जुड़ना, कैट रेस आदि कई कारण हैं। आइए जानें अगर हमारी भी समस्या नींद न आना है तो उसे कैसे हल किया जाए।
निश्चित करें सोने उठने का समय और स्थान
अपना सोने का स्थान निश्चित रखें क्योंकि एक ही बिस्तर पर रोज सोने से उससे अपनापन होता है तो नींद आ जाती है। रात्रि में सोने और प्रात: उठने का समय भी निश्चित रखें ताकि सही समय पर सोने से प्रात: समय पर उठ सकते हैं। अपने बिस्तर पर मोबाइल या अन्य मनोरंजनकारी वस्तुएं न रखें। इनसे भी नींद में खलल पड़ता है। खुशबूदार मोमबत्ती कमरे में रखें, कमरे में मन को एकाग्र करने वाला संगीत चलाएं या निरंतर बारिश की बूंदें हल्की आवाजें लगाएं जो आपके दिमाग को शांति प्रदान करेंगी और अच्छी नींद आने में सहायक भी होंगी।
रात्रि का भोजन जल्दी करें 
मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार रात्रि का भोजन सोने से कम से कम 2 घंटे पूर्व करें ताकि सोने के समय तक खाना पचना प्रारंभ हो जाए। देर से खाना खा कर सोने से अपच हो सकती है जो अनिद्रा का कारण बन सकती है।
अपना बिस्तर ठीक रखें :
चादर साफ सुथरी बिछाएं और रात्रि में सोने से पहले उसकी सलवटें ठीक करें। गद्दा न अधिक सख्त हो और न ही नर्म। दोनों तरह के गद्दे शरीर के लिए आरामदायक नहीं होते। गद्दा अगर आरामदायक नहीं होगा तो उठने, बैठने व करवट बदलने में तकलीफ होगी। इससे मांसपेशियों में तनाव,नस दबना, बदन दर्द होना आम समस्याएं होंगी जो आरामदायक नींद में रुकावट बनेगी। अगर आपके गद्दे ठीक न हों तो उन्हें बदल लें।
व्यायाम अवश्य करें 
शारीरिक श्रम भी अच्छी नींद लाने में मदद करता है। नियमित रूप से व्यायाम शरीर में रक्त संचार सुचारू रखता है क्योंकि आजकल लोगों का काम प्राय: सीट पर बैठ कर करने वाला होता है। महिलाएं और युवतियां भी घर के मेहनत वाले काम स्वयं न कर कामवालियों से करवाती हैं जिससे शरीर आलस्य वाला और मोटा हो जाता है। लोग अधिकतर कार,स्कूटर,कैब से अपने घर से कार्यस्थल तक जाते हैं जिससे उनका बसस्टाप या मैट्रो स्टेशन तक चलना भी नहीं हो पाता।  घर का राशन और जरूरत संबंधी चीजें भी बड़े शहरों में लोग ऑन लाइन ऑर्डर कर देते हैं। आसपास के बाजार तक जाना भी बहुत कम हो जाता है।
अपनी चिंताओं के समाधान ढूंढें 
आजकल कार्यस्थल पर पूरा दिन या देर तक काम करने और अगर आप अपने घर से दूर हैं तो अकेलेपन की घबराहट से भी नींद नहीं आती। जब अनिद्रा और बेचैनी साथ-साथ हों तो उनमें अंतर समझें। अपनी चिंताएं अपने किसी अच्छे मित्र या संबंधी से शेयर करें ताकि वह आपकी इन सबसे लड़ने में मदद कर सके और आप अनिद्रा के शिकार न हो सकें। समस्याएं जीवन में बहुत होती हैं और सभी को होती हैं। ठंडे दिमाग से उन पर विचार करें। कभी कभी बेवजह की चिंताएं भी आपको घेरे रहती हैं। इन समस्याओं और चिंताओं को एनालाइज करें और समाधान ढूंढें। (स्वास्थ्य दर्पण) 

—नीतू गुप्ता