शादी ने मेरी ज़िंदगी को आसान बना दिया है दीपिका कक्कड़

दीपिका कक्कड़ धारावाहिक ‘कहां हम कहां तुम’ में सोनाक्षी की भूमिका रही हैं। प्रस्तुत है उनसे मुलाकात के मुख्य अंश—
आपका आगामी शो ‘कहां हम कहां तुम’ का विषय वस्तु  क्या है?
—जैसा कि नाम से पता चलता है इस शो में दो अलग-अलग लोग हैं जोकि दो बिलकुल अलग तरह की पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। किस तरह ये दोनों अपनी व्यस्त जिंदगियों के बीच प्यार के लिये वक्त निकालते हैं, यही इस शो का विषय वस्तु  है। ‘कहां हम कहां तुम’ एक अभिनेत्री और एक सर्जन की कहानी है, जोकि अपनी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जिंदगी के बीच संघर्ष करते रहते हैं। उनके प्रोफेशन में समय की कमी के कारण, दोनों एक-दूसरे के लिये वक्त  नहीं निकाल पाते हैं। भले ही दोनों एक-दूसरे के साथ अच्छे पल नहीं बिता पाते हैं, फि र भी वे अपने प्यार के साथ किस तरह आगे बढ़ते हैं और अपने रिश्ते को बनाये रखते हैं, यह कहानी इसी पृष्ठभूमि पर आधारित है। 
आपने इस किरदार की तैयारी कैसे की?
—शुरुआत में मेरे लिये इस किरदार में ढलना थोड़ा मुश्किल था। जिस समय एक्शन बोला जाता और अभिनय की शुरुआत होती, तब पिछले शो में किये गये मेरे ड्रामा को देखते हुए मुझे बिल्कुल स्वाभाविक नजर आना था और मेरी पिछली भूमिकाओं को पूरी तरह भूल जाना था। इससे पहले मैंने पार्वती का किरदार निभाया है और अब मैं सोनाक्षी की भूमिका अदा कर रही हूं, दोनों में काफी अंतर है। 
आप इस शो का हिस्सा कैसे बनीं?
—दरअसल, यह उस समय हुआ, जब मैं बिग बॉस में जाने वाली थी, लेकिन मैंने अपने पेपर साइन नहीं किये थे, तभी मुझे संदीप सिकंद का फोन आया था। हमने मुलाकात की। लेकिन उसके बाद ‘बिग बॉस’ किया। संदीप के लिये असंभव सा था कि वह चार महीनों तक मेरे लिये इंतजार करें, क्योंकि मैं तो ‘बिग बॉस’ के घर में थी। जब मैं ‘बिग बॉस’ में गयी तब उस शो के बारे में भूल गयी थी कि संदीप मुझे इस शो में लेंगे। 
क्या आप अपने परिवार के लिये वक्त नहीं निकाल पाती हैं?
—मुझे ऐसा लगता है कि यह हर किसी की सोच पर निर्भर करता है। भले ही हम अपने प्रोफेशन को पसंद करते हैं और इसे पूरे दिल से निभाते हैं, अपना सारा वक्त इसमें लगा देते हैं, लेकिन आखिरकार हम एक इंसान हैं और हमें प्यार की जरूरत है। शादी ने मेरी जिंदगी को आसान बना दिया है। अब मेरा सपोर्ट सिस्टम पहले से भी कहीं ज्यादा मजबूत हो गया है। मेरे ससुराल वाले मुझे काफी सपोर्ट करते हैं। वह मेरे लिये उसी बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं, मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि अम्मीं (सास) और शाबा सब चीजों का ध्यान रखने के लिये मौजूद हैं। मेरी सास बस इतना चाहती हैं कि मैं अपना खाना खुद बनाऊं और काम पर ले जाऊं, क्योंकि वह डाइट फूड नहीं बना सकतीं। बाकी सारी चीजों का ध्यान वह रखती हैं। मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं।