कृषि को उत्साहित करने हेतु बनी राष्ट्रीय कमेटी में पंजाब को नहीं मिली जगह

चंडीगढ़, 7 जुलाई (अ.स.) : केन्द्र सरकार द्वारा देश में कृषि को उत्साहित करने व कृषि आमदन को 2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति संबंधी सिफारिशे देने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय कमेटी में पंजाब को बाहर कर दिया गया है। हालांकि पंजाब को कृषि के पक्ष से देश का सबसे अग्रणी राज्य समझे जाने के अलावा देश का अन्नदाता भी समझा जाता है। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा बनाई गई इस कमेटी के चेयरमैन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को बनाया गया है। जबकि हरियाणा,उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक व अरुणाचल प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी इस कमेटी में शामिल किया गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर व नीति आयोग के सदस्य राजेश चंद भी इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पंजाब को इस कमेटी में किसी तरह का कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट 2 महीनों में देने के लिए कहा गया है व कमेटी को ज़रूरी वस्तुओं संबंधी एक्ट व कृषि को आमदन दोगुनी करने व कृषि उपज को प्रोसैस करने संबंधी भी कमेटी को सिफारिश देने के लिए कहा गया है। दिलचस्प बात यह है कि ‘अजीत समाचार’ द्वारा पंजाब सरकार के कुछ उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री सचिवालय के साथ जब इस संबंधी सम्पर्क किया गया तो हैरानी की बात यह थी कि उनके द्वारा बनी किसी तरह की उपरोक्त कमेटी संबंधी कोई भी जानकारी नहीं थी। उनका कहना था कि भाजपा सरकार द्वारा बनाई जाने वाली किसी कमेटी में पंजाब को कैसे शामिल किया जा सकता है क्योंकि इस समय दिल्ली में सब कुछ राजनीति से प्रेरित होकर किया जा रहा है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कमेटी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को शामिल किया गया है जोकि कांग्रेस के मुख्यमंत्री हैं, तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी हमें पहले तथ्यों की पुष्टि करनी होगी।