सदस्यता के बाद पंजाब भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष

शिव शर्मा
जालन्धर, 9 जुलाई : पंजाब भाजपा द्वारा नए सदस्य बनाने के लिए शुरू की गई मुहिम के साथ-साथ अब पार्टी के अगले बनने वाले प्रधान के लिए कुछ नेताओं द्वारा गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं क्योंकि अक्तूबर से लेकर दिसम्बर में पंजाब भाजपा को नया प्रधान मिल जाएगा। मौजूदा प्रधान व राज्यसभा में भाजपा के सदस्य श्वेत मलिक का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इससे पहले पूर्व पार्टी प्रधान व केन्द्रीय मंत्री रहे विजय सांपला की जगह श्वेत मलिक को प्रधान बनाया गया था। देश भर के साथ-साथ पंजाब में भी पार्टी की सदस्यता करने का काम ज़ोरों-शोरों से शुरू किया गया है क्योंकि अगस्त में सदस्यता समाप्त हो जाने के बाद भाजपा के मंडलों का चुनाव किया जाना है। मंडलों द्वारा ही ज़िला प्रधानों का चुनाव किया जाता है तथा इसके बाद ज़िला प्रधान पंजाब के लिए नया पार्टी प्रधान चुन लेते हैं। सदस्यता को नए प्रधान के चुनाव से जोड़ा जाता है क्योंकि चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद नए पार्टी प्रधान का चुनाव किया जाना है। पार्टी प्रधान के लिए पार्टी में कई नेताओं के नामों पर चर्चा चल रही है जिनमें मुख्य तौर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, कमल शर्मा, राकेश राठौर भी शामिल बताए जा रहे हैं। मनोरंजन कालिया 1997 में एक बार पार्टी प्रधान बन चुके हैं तथा वह कुछ माह ही पार्टी प्रधान रहे थे तथा बाद में मंत्री बन गए थे। इस समय पार्टी में मनोरंजन कालिया की गिनती वरिष्ठ नेताओं में होती है। अगले पार्टी प्रधान के लिए नामों में कमल शर्मा का नाम भी चल रहा है। कमल शर्मा के पिछले कार्यकाल में ही पार्टी की सदस्यता ने रिकार्ड तोड़ा था तथा 23 लाख के लगभग सदस्यता पहुंच गई थी। कमल शर्मा पक्ष का इस समय काफी प्रभाव है क्योंकि होशियारपुर लोकसभा हलका व गुरदासपुर लोकसभा हलके की लोकसभा सीटें पार्टी की झोली में डलवाने के लिए कमल शर्मा का काफी योगदान रहा है तथा कमल शर्मा की दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ काफी नज़दीकियां हैं। होशियारपुर लोकसभा हलके के लिए वैसे पार्टी द्वारा पूर्व प्रधान प्रो. राजिन्द्र भंडारी को प्रभारी लगाया गया था। उनके अतिरिक्त पार्टी प्रधान के लिए मौजूदा महासचिव राकेश राठौर को प्रभारी लगाया गया था। उनके अतिरिक्त पार्टी प्रधान के लिए मौजूदा महासचिव राकेश राठौर का नाम भी चर्चा में है। राकेश राठौर की मौजूदा पार्टी प्रधान के साथ भी काफी निकटता है तथा इसलिए अध्यक्षता के लिए उनके नाम की चर्चा होती रही है। पार्टी संविधान के अनुसार पहले किसी भी प्रधान का कार्यकाल दो-दो वर्ष का भी हो सकता था परन्तु बाद में पार्टी प्रधान का कार्यकाल तीन वर्ष का कर दिया गया था। वैसे पार्टी संविधान में प्रधान रहे नेता को दोबारा प्रधान बनाया जा सकता है। सदस्यता के बाद ही फैसला होगा कि कौन से नेता को पंजाब भाजपा की कमान दी जा सकती है या फिर पार्टी हाईकमान द्वारा ही किसी नेता को प्रधान लगाया जा सकता है। पार्टी में यह ज़रूर चर्चा है कि मिशन-2022 को देखते ही नए प्रधान की नियुक्ति की जा सकती है।