सरकारी बाबुओं की मिलीभगत से प्रदेश की सड़कों पर धड़ल्ले से चल रही हैं बिना परमिट वाली बसें

लुधियाना, 10 जुलाई (पुनीत बावा): पंजाब में ट्रांसपोर्ट माफिया ने अपनी जड़ें इतनी अधिक गहरी कर ली हैं कि सरकारी बाबुओं की मिलीभगत से पंजाब की सड़कों पर धड़ल्ले से बिना परमिट वाली बसें दौड़ रही हैं, जिनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग ने कोई भी कदम उठाना ज़रूरी नहीं समझा। प्राप्त जानकारी के अनुसार मोटर ट्रांसपोर्ट एक्ट 1939 की धारा 46 के तहत स्टेज कैरेज तहत एक परमिट एक बस या फ्लीट के लिए नियम था, परन्तु चोर रास्ते द्वारा बस चालकों द्वारा परमिट में एक की बजाय फ्लीट के लिए शब्द लिखवाया गया है, जिससे फ्लीट में चलने वाली कई बसों पर एक ही परमिट का प्रयोग कर लिया जाता है। मोटर ट्रांसपोर्ट एक्ट 1988 की धारा 70 तहत एक स्टेज कैरेज परमिट के लिए एक बस का नियम बनाया गया है परन्तु इसके बाद भी परमिटों को फ्लीट के लिए मान्यता प्राप्त लिखा गया है। 1993 के मोटर ट्रांसपोर्ट एक्ट के नियम अनुसार स्टेज कैरेज परमिट के लिए भी केवल एक बस नंबर लिखने का नियम बनाया गया है तथा 10 बसों के पीछे एक बस चलाने की छूट दी गई है, क्योंकि यदि 10 बसों में से एक बस खराब हो जाए तो उसकी जगह पर दूसरी बस चलाई जा सके। 22 फरवरी 2018 को पंजाब सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग के सचिव के.के. भटनागर द्वारा एक परमिट पर एक बस का नियम बनाया था। 10 बसों के पीछे एक बस रखने के लिए भी आर.एस.टी.सी.पी. फार्म भर कर परमिट लेना होता है, वह पंजाब में इक्का-दुक्का को छोड़ कर किसी भी ट्रांसपोर्ट के पास नहीं है। भारत सरकार द्वारा वाहन 4 साफ्टवेयर द्वारा सभी परमिट व गैर-परमिट वाली बसों को आनलाइन रजिस्टर्ड करने का फैसला किया गया है। पंजाब सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा टूरिस्ट व अन्य बसों को तो वाहन 4 साफ्टवेयर द्वारा आनलाइन रजिस्टर्ड कर लिया गया है परन्तु पंजाब में बसों का कारोबार करने वाले विरोधी पक्ष व सत्ता पक्ष से संबंधित बड़े ट्रांसपोर्टरों को लाभ देने के लिए अभी तक निजी बसों व सरकारी बसों को वाहन 4 साफ्टवेयर से नहीं जोड़ा गया क्योंकि यदि हर परमिट को वाहन 4 से जोड़ा जाता है तो परमिट व बस का नंबर आनलाइन रजिस्टर्ड करना पड़ेगा जिससे जो एक परमिट की आड़ में कई अन्य अवैध बसें चलती हैं, उन बसों को ब्रेकें लग जाएंगी। पंजाब में 3200 के लगभग निजी व 5200 के लगभग सरकारी बसें हैं, परन्तु जानकार के अनुसार लगभग 5 हज़ार बस बिना परमिट के राज्य की सड़कों पर सरकारी खजाने को चूना लगाते व छोटे ट्रांसपोर्टरों को आर्थिक पक्ष से बर्बाद करती दौड़ रही है। रूट में एक बार की बजाय कई बार की वृद्धि : नियमों अनुसार किसी भी रूट पर चल रही बस का रूट एक बार 24 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है, परन्तु पंजाब की सड़कों पर जो बसें चल रही हैं, उनमें से जिन बसों ने रूट में वृद्धि करवाई है, वह एक बार की बजाय कई बार करवा ली गई है।