भारी पड़ सकती है प्राकृतिक स्त्रोतों से छेड़छाड़

तलवाड़ा, 12 जुलाई (अ.स.) : पांच दरियाओं की धरती पंजाब के गौरवमयी दरिया को लगता है कि मनुष्य के औद्योगिक विकास की नज़र लग रही है। तलवाड़ा से केवल तीन किलोमीटर की दूरी पर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कांगड़ा ज़िला की तहसील जसवां में पड़ते संसारपुर टैरेस में 660000 वर्ग मीटर (166 एकड़) क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है जिस में अनेकों फूड प्रोसैसिंग और अन्य रासायनिक यूनिट भी काम कर रहे हैं। इन पैक्ट्रियों में दवाइयां और बीयर आदि तैयार करने वाली बड़ी फैक्ट्रियों का रोज़ाना हज़ारों लीटर गंदा पानी सवां नदी में गिरता है। सूत्रों अनुसार इस औद्योगिक कस्बे को बिजली और पानी की बेहतरीन सप्लाई उपलब्ध है परंतु इन्सानी बस्तियां और फैक्ट्रियों का गंदा पानी साफ करने के लिए कोई यूनिट लगाने की कोशिश नहीं की गई। जूस, ग्लूकोज़, बीयर आदि उत्पादन करने के लिए प्रभावशाली इकाइयां दिन रात काम कर रही हैं जिससे एक ओर सैकड़ों लोगों को रोज़गार मिला है और दूसरी ओर हवा और पानी में गंदगी तेज़ी से बढ़ती जा रही है। यहां एक उचित जल सोधक प्लांट लगाने से स्थिति को बेहतर बनाया जा सकताहै। प्राकृतिक स्त्रोतों से दूसरी बड़ी छेड़छाड़ है दिन रात, बेरोक-टोक होती रेता-बजरी का माइनिंग। हालांकि प्रशासन द्वारा माइनिंग पर काबू पाने के दावे किए जाते हैं और किसी किस्म की अवैध खुदाई से इन्कार किया जाता है। गांवों के लोगों में चर्चा है कि दौलतपुर-तलवाड़ा, तलवाड़ा-राजीपुर मुख्य सड़क पर दिन रात रेता-बजरी ढोते भारी भरकम वाहन अलग ही तस्वीर बयां करते हैं। वन-संपत्ति और जंगली जीव जन्तुओं से भी व्यापक स्तर पर खिलवाड़ जारी है। जंगल में सबसे अधिक चोरी होने वाला वृक्ष खैर है, जिसकी संभाल भगवान आसरे होती है। पानी की शुद्धता मामले में कंड़ी का तलवाड़ा इलाका पंजाब के सबसे ऊपर पायदान पर आता है।