कैप्टन व सिद्धू के कड़े रवैये से समझौता कोशिशें असफल

चंडीगढ़, ( हरकंवलजीत सिंह )19 जुलाई  : पंजाब मंत्रिमंडल के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा उनके विभागों में किए गए फेरबदल के पश्चात मंत्रिमंडल से दिए गए त्यागपत्र के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने हेतु पार्टी स्तर पर समझौते की कोशिशें सफल होती नहीं दिखाई दे रही हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार स. नवजोत सिंह सिद्धू जिनको कल पार्टी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी द्वारा दिल्ली बुलाया गया था, साथ हुई बातचीत दौरान स. सिद्धू द्वारा स्थानीय निकाय के बिना अन्यत्र किसी भी विभाग में वापसी से कोरा इन्कार कर दिया गया और स्पष्ट किया गया कि उनके विभाग की कारगुजारी को लेकर मेरे पर आरोप लगाए गए हैं और मुझे बदनाम करने की साजिश रची गई है और यदि मैं अन्य कोई भी विभाग में कार्य करूंगा तो मैं एक तरह से लगे उन आरोपों को स्वीकृत कर लूंगा। उन्होंने कहा कि 20-20 हज़ार वोटों पर हार्न मारने वालों को तो मुख्यमंत्री एक ओर तरक्की देकर अन्य विभाग दिए हैं और मैं महसूस करता हूं कि मेरे विरुद्ध की गई साजिश और झूठे आरोप सरदार की पगड़ी को हाथ डालने के बराबर है जबकि राज्य के लोगों को अच्छी तरह पता है कि कौन सच्चा और कौन झूठा है। सूचना अनुसार कल मुख्यमंत्री को पार्टी हाईकमान द्वारा दोबारा स. सिद्धू द्वारा लिए गए स्टैंड सम्बन्धी जब पूछा गया तो वह भी अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहे कि वह अपने पुराने स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त कोई अन्यत्र विभाग स. सिद्धू को देना विचार सकते हैं। सूत्रों अनुसार स. नवजोत सिंह सिद्धू ने उक्त बैठक दौरान यह भी कहा कि वह त्यागपत्र देने के पश्चात अपने सरकारी आवास भी अगले 2-3 दिनों में खाली कर रहे हैं। सूचना अनुसार स. सिद्धू को लेकिन कहा गया कि वह ऐसा कोई बयान न दें जिससे पार्टी को नुक्सान पहुंचे और पार्टी उनके द्वारा किए गए कार्य की कदर करती है और उनकी पार्टी में इज्जत को बरकरार रखा जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि हरियाणा विधानसभा के अक्तूबर 2019 में होने वाले चुनावों के चलते संभव है कि पार्टी हाईकमान हरियाणा सहित होने वाले कुछ चुनावों हेतु स. सिद्धू के चुनावी प्रचार में पूरी सहायता लें क्योंकि पार्टी हाईकमान के ढांचे के पुनर्गठन, रद्दोबदल एवं दूसरे अहम संगठनात्मक मुद्दों की ओर ध्यान उक्त चुनावों के पश्चात ही दे पाएगी। प्राप्त जानकारी अनुसार स. नवजोत सिंह सिद्धू प्रियंका से हुई इस बैठक जिसमें पार्टी के 2 अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। कल सायं दिल्ली से वापिस पंजाब लौट आए। चंडीगढ़ के प्रशासनिक क्षेत्रों में यह महसूस किया जा रहा था कि स. सिद्धू के साथ बातचीत टूट जाने के पश्चात मुख्यमंत्री के पास उनका त्यागपत्र मंजूर करने के अतिरिक्त ओर कोई विकल्प नहीं रह गया, जबकि यह भी महसूस किया जा रहा है और मुख्यमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को अपने मंत्रिमंडल में से बाहर करके पार्टी हाईकमान एवं विशेषकर राहुल गांधी एवं श्रीमती प्रियंका गांधी की नाराजगी मूल्य लेंगे। वर्णनीय है कि लोक इंसाफ पार्टी और आम आदमी पार्टी द्वारा पहले ही मुख्यमंत्री पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू के विरुद्ध मोर्चा मोदी और अकालियों के इशारे पर खोला गया था क्योंकि उक्त दोनों गुट सिद्धू द्वारा उनके विरुद्ध किए गए प्रचार और आरोपों से काफी कठिन हैं।