रैडक्रास कैसे काम करती है ?

रैडक्रास एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका लक्ष्य रोगियों की देखभाल करना और मानव की ज़िंदगी और स्वास्थ्य को बचाना है। इसकी स्थापना 1863 में जीन हैनरी डयूनट ने जेनेवा में की थी। अब इसका मुख्य कार्यालय जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में है। रैडक्रास संस्था ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपनी अहम भूमिका निभाते हुए घायल नागरिकों की सहायता की थी। जीन हैनरी डयूनट के जन्मदिन 8 मई को विश्व रैडक्रास दिवस के तौर पर मनाया जाता है। मानवता की सेवा के बदले उनको 1901 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। इस समय दुनिया के 191 देशों में रैडक्रास संस्था अपना काम कर रही है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य युद्ध में घायल सैनिकों की मदद करना और प्राकृतिक आपदा  में पीड़ितों की सहायता करना है। हमारे देश में वर्ष 1920 में पार्लियामैंटरी एक्ट के तहत भारतीय रैडक्रास सोसायटी का गठन हुआ था। शुरूआत में भारत में इसके प्रधान उप-राष्ट्रपति थे। वर्ष 1996 में रैडक्रास एक्ट में संशोधन करके इसका प्रधान राष्ट्रपति को और पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य को बनाया गया था। उस समय से लेकर आज तक यह भिन्न-भिन्न तरह की प्राकृतिक आपदाओं में फंसे लोगों की निष्काम भाव से सेवा कर रहे हैं।

—प्रिंस अरोड़ा