ब्यास दरिया के वहाब में बदलाव के आरोप संबंधी मांग पर फैसला लेने का आदेश

चंडीगढ़, 22 जुलाई (सुरजीत सिंह सत्ती) : राधा स्वामी डेरा ब्यास द्वारा कथित गैर-कानूनी निर्माण करने के कारण दरिया के वहाब में बदलाव आने और कृषि योग्य ज़मीनों का आरोप लगाती एक लोकहित याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि ऐसे दोषों संबंधी याचिकाकर्ता संस्था लोक भलाई इन्साफ सोसायटी द्वारा दिए मांग पत्र पर तीन महीने में फैसला लें। याचिका में आरोप लगाया गया कि ब्यास दरिया में धुस्सी बांधकारण और गैर-कानूनी माइनिंग कारण 2500 एकड़ ज़मीन तबाह हो गई थी, जिस कारण लोगों के प्रदूषण और बाढ़ से बचाव के लिए 22 जून 2005 को कमेटी बनी थी। याचिका मुताबिक कमेटी ने रिपोर्ट कहती है कि डेरे की कथित गैर-कानूनी सरगर्मियों के कारण दरिया का वहाबबदल गया और कमेटी ने सिफारिशें की थी कि जिमींदारों को नुकसान का मुआवज़ा दिया जाए, कृषियोग्य ज़मीन की सुरक्षा के लिए तुरंत प्रयास किए जाने से बरामदगी ज़मीन का नये सिरे से पक्के तौर पर पुन: रिकार्ड तैयार किया जाए और गैर-कानूनी माइनिंग बंद की जाए। यह भी रिपोर्ट में सामने आया था कि 16 मार्च 2000 को पठानकोट के माइनिंग अफसर द्वारा डेरे को दरिया के मध्य माइनिंग करने की इज़ाजत दी थी पर इस इजाज़त की कथित दुरुपयोग हुआ।