लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल, पक्ष में 303 और विपक्ष में पड़े 82 वोट 

नई दिल्ली, 25 जुलाई (वार्ता): तीन तलाक की प्रथा को गैर-कानूनी करार देने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 विपक्ष के विरोध के बीच गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक पर सदन में 5 घंटे चली चर्चा और विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद के चर्चा पर जवाब के बाद जब मंत्री ने विधेयक को विचार के लिए रखने का प्रस्ताव किया तो विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए मतविभाजन की मांग की। हालांकि 82 के मुकाबले 303 मतों से विधेयक को विचार के लिए स्वीकार कर लिया गया। विपक्ष के सभी संशोधन भी खारिज हो गये जिनमें कुछ पर मतदान विभाजन भी हुआ। इस विधेयक में तीन तलाक को गैर-कानूनी घोषित किया गया है तथा तीन तलाक देने वालों को तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सज़ा का प्रावधान है। साथ ही जिस महिला को तीन तलाक दिया गया है उसके और उसके बच्चों के भरण-पोषण के लिए आरोपी को मासिक गुजारा भत्ता भी देना होगा। मौखिक, इलैक्ट्रॉनिक या किसी भी माध्यम से तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक को इसमें गैर-कानूनी बनाया गया है। श्री प्रसाद ने चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर तीखे हमले किये और सफाई भी दी कि इस विधेयक में तीन तलाक देने का दोषी पाये जाने पर पति के लिए दंडात्मक प्रावधान कुप्रथा के अवरोध के रूप में किया गया है।