केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले- जम्मू-कश्मीर में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण

नई दिल्ली, 31 जुलाई (इंट,एजैंसी) : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की चर्चाओं के बीच केंद्र सरकार ने राज्य को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब तक देश भर लागू सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण को अब जम्मू-कश्मीर के लिए भी मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या को 31 से बढ़ाकर 34 करने का फैसला लिया है। 
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया,‘सामाजिक न्याय की जो बड़ी पहल की थी कि आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण नौकरी में और शिक्षा में मिलेगा, यही अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू करने का निर्णय किया गया है। चूंकि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा नहीं चल रही है और राज्यपाल शासन लागू है, इसलिए राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी केंद्रीय कैबिनेट पर आ जाती है।’ जावडेकर ने कहा कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नज़दीक रहने वालों को आरक्षण मिलता था, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों को आरक्षण नहीं मिलता था। अब जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या भी बढ़ा दी है। अब 31 के स्थान पर 34 जज होंगे। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश के अलावा 33 न्यायाधीश होंगे। वहीं मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्गों के भीतर उप श्रेणियां बनाने के मसले पर विचार करने के लिए गठित आयोग के कार्यकाल विस्तार को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्गों में उप श्रेणियां बनाने के मसले पर विचार करने के वास्ते संविधान के अनुच्छेद 340 के अंतर्गत गठित आयोग के कार्यकाल का 31 जुलाई, 2019 से 31 जनवरी, 2020 तक विस्तार किए जाने को मंजूरी दे दी। कार्यकाल में प्रस्तावित विस्तार से ‘आयोग’ विभिन्न पक्षधारकों के साथ परामर्श के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की श्रेणियां बनाने के मसले पर व्यापक रिपोर्ट जमा करने में सक्षम हो जाएगा।