खाद्य तेलों पर टैरिफ दर बढ़ी : हाजिर पर प्रभाव नहीं

नई दिल्ली, 4 अगस्त (एजेंसी): गत सप्ताह खाद्य तेलों के बढ़ते आयात से घरेलू तेल उद्योग को खतरे से बचाने के लिए सरकार द्वारा सीपीओ, आरबीडी पामोलिन एवं क्रूड सोयाबीन ऑयल पर टैरिफ दर बढ़ा दिया, ताकि आयातित खाद्य तेल थोड़ा महंगे हो जायें, लेकिन घरेलू तेल उद्योग पर इसका कोई विशेष प्रभाव देखने को नहीं मिला। तेल सोया 10/20 रुपए दबा रहा, लेकिन वहीं सरसों तेल में 20 रुपए की मजबूती लिये बाजार बंद हुए।आलोच्य सप्ताह सरकार द्वारा सीपीओ की टैरिफ दर 497 से बढ़ाकर 502 डॉलर, आरबीडी पामोलिन की टैरिफ 533 से बढ़ाकर 540 डॉलर एवं क्रूड सोयाबीन ऑयल का 705 डॉलर प्रति टन कर दिया गया, जिससे नये सौदे तो महंगे हो गये, लेकिन घरेलू मंडियों में स्टॉक के पड़े माल रुपए की तंगी से बिकवाली में आते गये, जिससे बढ़ने की बजाय 10/20 रुपए घटकर तेल सोया रिफाइंड 7970 रुपए एवं डीगम 7670 रुपए प्रति क्विंटल रह गये। बिनौला तेल भी 30 रुपए घटकर 7670 रुपए पर आ गया। जबकि धान की प्लांटों में भारी कमी आ जाने एवं विदेशी तेल थोड़ा मजबूत हो जाने से चावल तेल 20 रुपए बढ़कर 6020 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। मलेशिया में सीपीओ भी तीन डॉलर और बढ़कर 505 डॉलर प्रति टन हो गया। इसके प्रभाव से कांदला में 50 रुपए बढ़कर इसके भाव 3570 रुपए पर जा पहुंचे। वहीं तेल सरसों, मिलावटी माल यूपी, बिहार, बंगाल, झारखंड, उड़ीसा एवं असम में 90 फीसदी बिकने से सीड में तेजी के बावजूद ज्यादा नहीं बढ़ पाया।