देशवासी 4 करोड़ 84 लाख 20 हज़ार क्यूसिक पानी करते हैं बर्बाद

लुधियाना, 4 अगस्त (पुनीत बावा) : राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केन्द्र सरकार के जल बोर्डों व देशभर के सभी राज्यों के जल बोर्डों को निर्देश दिए हैं कि पानी की बर्बादी व दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार बनती कड़ी कार्रवाई की जाए और जो देश के लोग रोज़ाना घरेलू व व्यापारिक उपयोग समय 4 करोड़ 84 लाख 20 हज़ार क्यूसिक पानी की बर्बादी करते हैं, उसे रोका जा सके। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस एस.के. गोयल ने केन्द्र सरकार के जल बोर्ड व देश के सभी राज्यों के जल बोर्डों को निर्देश दिए हैं कि जो भी व्यक्ति पानी की बर्बादी करता है, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए और कानून के अनुसार बनती कार्रवाई की जाए। देश में रोज़ाना लोग अपना घरों व व्यापारिक संस्थानों में छतों पर पड़ी पानी की टंकियों को टुल्लू पम्प या मोटर लगाकर नगर निगम की सप्लाई या भूमिगत जल निकालकर भरते हैं परंतु पानी की टैंकी भरने के बाद भी लोग समय पर मोटर बंद नहीं करते जिस कारण बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो जाता है। समय पर पानी की टैंकी बंद न करके देश के लोग रोज़ाना 4 करोड़ 84 लाख 20 हज़ार क्यूसिक पानी बर्बाद कर देते हैं। पानी की बर्बादी करने वालों ने जितनी मर्जी करनी थी, वह कर ली है। परंतु अब पानी की बर्बादी करने वाले किसी भी व्यक्ति को व्यक्ति को माफी नहीं मिलेगी। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पूरे देश के जल बोर्डों को एक माह में पानी की बर्बादी रोकने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर कार्रवाई आरम्भ करने के लिए कहा है। ट्रिब्यूनल ने पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से किनारा करने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए कहा है। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब जल बोर्ड को विशेष तौर पर कहा है कि पंजाब में किसानों को मुफ्त बिजली होने के कारण उनके द्वारा फसल तैयार करने के लिए पानी लगाने के अलावा मोटर भी बारी समय पानी का दुरुपयोग किया जाता है जिसे रोकने के लिए भी विशेष प्रयास करने चाहिएं। किसानों को पानी की सम्भाल करने बारे जागरूक करना चाहिए।