करोड़ों की अदायगी कर उपभोक्ताओं को लगेगा महंगी बिजली का करंट


जालन्धर, 14 अगस्त (शिव शर्मा): विगत वर्षों में राज्य के खपतकारों को तो महंगी बिजली का और करंट लगने के साथ ही सरकार पर भी कृषि सब्सिडी की रकम का भार बढ़ जाने की संभावना है। पावरकाम ने कंपनियों को बिजली सप्लाई की बकाया 2800 करोड़ की राशि का भुगतान तो दो महीने के भीतर करना है जबकि बाकी 21 वर्ष के करीब निजी क्षेत्र को बिजली की अदायगी करने हेतु प्रत्येक वर्ष 500 से 700 करोड़ की अदायगी करनी पड़ेगी। पावरकाम ने निजी क्षेत्र को दो महीने तक 2800 करोड़ की अदायगी करनी है और बाद में इसकी भरपाई खपतकारों के लिए बिजली सप्लाई महंगी करके ही की जानी है। माहिरों की मानें तो पंजाब सरकार और पावरकाम चाहे खपतकारों पर एकदम तो 2800 करोड़ का भार डालने के लिए सहमत नहीं होगी और जो अदायगी की जानी है, उसके लिए सरकार द्वारा भी वित्तीय सहायता की जानी जरूरी है। माहिरों का कहना है कि एकदम तो खपतकारों पर 2800 करोड़ का बोझ डालना संभव नहीं है। अंदाज़न यदि इतनी रकम की अदायगी करनी पड़े तो करीब 60 से 65 पैसे प्रति यूनिट होगी और खपतकारों पर एकदम इतना भार नहीं डाला जा सकेगा। इस राशि के अलावा आने वाले 21 वर्षों में निजी क्षेत्र को अलग तौर पर 500 से 700 करोड़ रुपये की अदायगी करनी पड़ेगी, उसके लिए प्रत्येक वर्ष खपतकारों पर 10 से 12 पैसे प्रति यूनिट का खर्च झेलना होगा। यह खर्चा पावरकाम द्वारा आम तौर पर प्रत्येक वर्ष बढ़ाई जाती बिजली दरों से अलग होगा। पावरकाम को मजबूरन प्रत्येक वर्ष बिजली महंगी करने हेतु पंजाब बिजली अथारिटी की मंज़ूरी लेनी पड़ती है क्योंकि बिजली उत्पादन में प्रत्येक वर्ष खर्चे बढ़ जाते हैं यदि आने वाले समय में बिजली और महंगी होगी तो इसके लिए आम खपतकारों के साथ कृषि क्षेत्र की बिजली महंगी होगी। इसकी सब्सिडी की राशि तो चाहे पंजाब सरकार द्वारा दी जाती है पर सरकार पर सब्सिडी का खर्च और भी बढ़ जायेगा। अभी भी सरकार ने पावरकाम की करीब 1622 करोड़ सब्सिडी की राशि की अदायगी करनी है।