हल्दी में मंदे के भाव ढूंढते रह जाओगे

नई दिल्ली, 17 अगस्त (एजेंसी): महाराष्ट्र में जिस तरह हल्दी की बोई गयी फसल को नुकसान हुआ है तथा तमिलनाडु में भी नुकसान का समय आने लगा है। पुराने माल काफी कट चुके हैं। इसे देखते हुए वर्तमान के मंदे वाले भाव आगे चलकर ढूंढने पड़ेंगे। हल्दी में डिब्बे का व्यापार पिछले कई सालों से अपनी भूमिका निभाते हुए कारोबारियों को भारी घाटे में झोंक चुका है, लेकिन इस बार बिजाई कम होने के साथ-साथ सांगली लाइन में हल्दी की बोई गयी फसल को कहीं बाढ़ एवं कहीं बरसात से भारत नुकसान हुआ है। अभी तक की चर्चा में 50 प्रतिशत वहां फसल नष्ट हो चुकी है। दूसरी ओर तमिलनाडु के इरोड, कड़प्पा, दुग्गीराला, वारंगल लाइन में भी कई दिनों की बरसात से फसल दबने लगी है। इसकी नई फसल फरवरी में आएगी। अभी बिजाई होकर क़ुछ दिन समय बीता है तथा  वर्तमान की बाढ़ से बोई गयी जमीन डूब गयी है। पानी सूखने के बाद बिजाई का समय बीत जाएगा क्योंकि एक माह से पहले हल चलने लायक भूमि नहीं रहेगी। इसके अलावा पुरानी हल्दी इस बार काफी कट चुकी है। कई वर्षों के स्टॉक के माल भी औने-पौने भाव में स्टॉकिस्ट माल बेच चुके हैं। डिब्बे में भी डिलीवरी कम होने से चालू माह के भाव आज 114 रुपए उछलकर 6994 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुए। यहां भी एज़इटीज हल्दी जो 8100 बोल रहे थे, आज 8200 रुपए हो गयी तथा पुरानी हल्दी में भी 100 रुपए का इजाफा हो गया। उधर बढ़िया फली 9100/9200 रुपए बोलने लगे हैं। इन सारे हालातों को देखते हुए हल्दी के भाव 10 रुपए किलो अगले एक माह में बढ़ सकते हैं।